हजारों का भुगतान बकाया
विद्यालयों में दूध एवं मिड-डे-मील की सामग्री का हजारों का भुगतान बकाया है। सरकार द्वारा विभिन्न भुगतान के स्थगन के बाद जिन व्यापारियों को विद्यालयों में बकाया है उनकी चिंता बढ़ गई। व्यापारियों को चिंता सता रही है कि कहीं सरकार ने मिड-डे-मील एवं दूध के भुगतान को भी स्थगित कर दिया तो उन्हे बकाया मिलने में महीनों लग सकते हंै। ऐसे में व्यापारी शिक्षकों को फोन कर भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। अब शिक्षकों के साथ दुविधा यह है कि वे अपनी वेदना किस को बताएं।
अक्षय पात्र का हुआ, हमारा क्यों अटकाया?
इधर मार्च माह के अंत में जिन विद्यालयों में अक्षय पात्र फाउण्डेशन की ओर से पोषाहार वितरण एवं दूध की सप्लाई की जा रही थी उसका भुगतान कर दिया। लेकिन जिन विद्यालयों ंमें एसएमसी की ओर से पोषाहार एवं दूध वितरण किया जा रहा है। उनका भुगतान अभी तक नहीं हुआ। ऐसे में शिक्षक व्यापारियों के सवालों से परेशान हो रहे है।
कुक कम हेल्परों का भी अटका भुगतान
इधर स्कूलों में अल्प मानदेय में काम कर रही कुक कम हेल्परों के मानदेय का भी भुगतान करीब ५ माह से अटका है। पहले से ही उनका मानदेय बहुत कम है और उसे भी पांच माह से रोक लेने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। वहीं लॉकडाउन होने से उनकी समस्या और बढ़ गई है।
शीघ्र भुगतान होगा…
हां समस्या तो है, लेकिन अब शीघ्र ही सभी का भुगतान करवाया जाएगा। इसके लिए बात चल रही है कोई रास्ता निकालेंगे।
-ओमशंकर श्रीमाली, डीईओ, (माध्यमिक) राजसमंद