राजनाथ ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि यहां आकर मैं अभिभूत हूं। राजस्थान के लोगों के शौर्य पराक्रम बलिदान की गाथा इतिहास पढ़ता हूं, तो हृदय गर्व से भर उठता है। उन्होंने राजस्थान की धरती का परिचय अपने अंदाज में कराया और कहा कि कोई भी भारतवासी दुनिया के किसी भी कौन में हो वह इस इतिहास पर गौरव करता है। दुनिया में जितनी भी सभ्यताएं हैं, वे खत्म हो गई।
इक्कीसवीं सदी में भी भारत की सभ्यता शौर्य और पराक्रम की वजह से जिंदा है। दुनिया में कई युद्ध हुए, मेवाड़ ने कभी आत्मसमर्पण नहीं क़िया। आत्मसमर्पण नामक शब्द यहां के इतिहास में भी नहीं रहा। यहां के रणबांकुरों ने अगर विजय से आलिंगन नहीं हुआ, तो वीरगति को प्राप्त होना ही दूसरा विकल्प अपनाया।
अकबर हों या खिलजी, लंबे समय तक भारत में कोई शासन नहीं कर पाया। उन्होंने श्याम नारायण पांडे की कविता पढ़कर सुनाई। कांग्रेस सरकारों पर साधा निशाना
उन्होंने कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि ब्रिटिशकाल से लेकर आज तक चित्तौड़गढ़, हल्दीघाटी का इतिहास पढ़ाने का जिम्मा सरकारों ने नहीं निभाया। सिर कटाने और सिर नहीं झुकाने की बात अगर सिर्फ कहीं सुनी जाती है, तो वह राजस्थान है। भले ही अंग्रेजों, मुगलों ने राजनैतिक अधिकार कायम किया, लेकिन हिंदुस्तानियों के मन पर कभी अधिकार नही कर पाएं। राजस्थान कभी मन से नहीं हारा।
उन्होंने कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि ब्रिटिशकाल से लेकर आज तक चित्तौड़गढ़, हल्दीघाटी का इतिहास पढ़ाने का जिम्मा सरकारों ने नहीं निभाया। सिर कटाने और सिर नहीं झुकाने की बात अगर सिर्फ कहीं सुनी जाती है, तो वह राजस्थान है। भले ही अंग्रेजों, मुगलों ने राजनैतिक अधिकार कायम किया, लेकिन हिंदुस्तानियों के मन पर कभी अधिकार नही कर पाएं। राजस्थान कभी मन से नहीं हारा।
बर्बरता और वीरता का अंतर राजस्थान ने सिखाया
राजनाथ ने कहा कि दुनिया में कई लड़ाइयां हुई, लेकिन बर्बरता और वीरता का अंतर राजस्थान ने सिखाया। वीरगति को प्राप्त होना राजस्थान सिखाता है। उन्होंने पोकरण में परमाणु परीक्षण को भारत के स्वाभिमान की अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित है, दुनिया का कोई देश हमारी तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता।
राजनाथ ने कहा कि दुनिया में कई लड़ाइयां हुई, लेकिन बर्बरता और वीरता का अंतर राजस्थान ने सिखाया। वीरगति को प्राप्त होना राजस्थान सिखाता है। उन्होंने पोकरण में परमाणु परीक्षण को भारत के स्वाभिमान की अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित है, दुनिया का कोई देश हमारी तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता।
समारोह में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, धरोहर संरक्षण प्राधिकरण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, राजसमंद सांसद हरिओम सिंह राठौड़ मौजूद थे। गृहमंत्री कटारिया ने माल्यवास में कुम्भा का भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की। सभा समाप्त होते ही राजनाथ हेलीकॉप्टर से उदयपुर के लिए रवाना हो गए।