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राजसमंद

स्कूल खुले, चहक उठे गलियारे, कमरों में गूंजी तालीम

कोरोनाकाल में खुले स्कूलों में रहे अलग-अलग नजारे, निजी विद्यालयों में कम आए बच्चे, सरकारी विद्यालयों में भीड़

राजसमंदJan 18, 2021 / 11:52 pm

jitendra paliwal

स्कूल खुले, चहक उठे गलियारे, कमरों में गूंजी तालीम

राजसमंद जिले के नाथद्वारा स्थित एक निजी ​स्कूल में पढ़ाई करते विद्यार्थी।

राजसमंद. 302 दिनों बाद आखिरकार सरकारी और निजी विद्यालय सामान्य पढ़ाई के लिए सोमवार को खुले। पहले दिन कई तरह के नजारे दिखे। कहीं पर्याप्त दूरी दिखी, कहीं कमरों में कम जगह होने की मजबूरी तो कहीं सोशल डिस्टेंसिंग को भुलाकर बेफिक्री भी दिखी। सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी विद्यालयों में कम संख्या दिखी, लेकिन सभी परिसरों में आ रहे विद्यार्थियों में उत्साह देखा गया। प्रशासनिक और शिक्षा अधिकारियों ने दर्जनों स्कूलों का निरीक्षण किया। मोटे तौर पर कहीं कोई बड़ी लापरवाही, बदइंतजामी जैसी बात सामने नही आई। जहां छोटी-मोटी कमी-खामी दिखी, स्कूल प्रबंधकों को व्यवस्थाएं और बेहतर करने के लिए निर्देशित किया गया।
पत्रिका टीम पहुंची तो स्कूलों में ऐसे थे नजारे
1. राजसमंद व नाथद्वारा के विभिन्न निजी स्कूलों में सरकारी विद्यालयों के मुकाबले कम ही विद्यार्थी आए।
2. निजी बच्चों को स्कूल बसों से बस स्टॉप से लिया गया। बसों में अन्दर सीटों पर दूरी बनाकर बच्चे बैठे थे।
3. निजी व सरकारी स्कूलों के गेट पर सबसे पहले तापमान जांच की गई, फिर वहां लगे सेनेटाइजर से हाथ साफ किए, फिर कतारबद्ध होकर दूरी बनाए रखते हुए अन्दर प्रवेश किया।
4. कक्षाओं में निर्धारित दूरी पर टेबल पर बैठाया गया।
5. विद्यालय समय के बाद बच्चे
5. 9-11वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को सुबह 9:30 से 3:30 तक प्रवेश-प्रस्थान करवाया गया
6. 10-12वीं के स्टूडेंट्स ने सुबह 10 से शाम 04 बजे तक आधे घंटे के अंतराल में प्रवेश-प्रस्थान किया।
7. बाहर निकलने के बाद विद्यार्थी झुण्ड में घर जाते हुए लापरवाह दिखे
8. कुछ स्कूलों में दोपहर के समय धूप में विद्यार्थी सोशल डिस्टेंसिंग को भुलाकर बैठे नजर आए
अधिकारियों ने लिया जायजा
जिला कलक्टर : अरविन्द पोसवाल

कांकरोली के बालकृष्ण विद्याभवन का निरीक्षण किया। कुछ कक्षों में जाकर अध्यापनप कार्य देखा। व्यवस्थाएं सुचारू मिलीं।
अतिरिक्त जिला कलक्टर : कुशल कोठारी
गांधी सेवा सदन, राजसमंद में देखा कि सरकार के सभी निर्देशों का पालन हो रहा था। हरेक कक्षा-कक्ष के बाहर सेनिटाइजर लगा था। बच्चे 40 प्रतिशत से भी कम थे। पर्याप्त दूरी पर टेबलें लगी थीं। बच्चे अपनी शिक्षण सामग्री, टिफिन या पानी की बोतल एक-दूसरे से शेयर नहीं कर रहे थे। सरकारी गाइडलाइन से शिक्षक, प्रबंधन व बच्चे वाकिफ दिखे।
सीडीईओ : विष्णुदत्त शर्मा
पांच स्कूल देखे : सापोल, गजपुर, बडग़ांव, केलवाड़ा व चारभुजा।
सभी जगह व्यवस्थाएं माकूल थीं। स्कूलों में करीब 50 प्रतिशत विद्यार्थी आए। व्यवस्थाएं संतोषजनक थीं। हर जगह मास्क, सेनेटाइजर की व्यवस्था थी। स्कूलों में टाइम टेबल बना हुआ था, जिससे अध्यापन कार्य विधिवत् चला। बच्चों व शिक्षकों में उत्साह था।
फैक्ट फाइल
299 में से 298 सरकारी विद्यालयों में कक्षा नौ से 12वीं तक की पढ़ाई शुरू हो गई
01 विद्यालय शहर के पास आसोटिया में डीएलएड का सेंटर होने से फरवरी के पहले सप्ताह में परीक्षा होने के बाद ही सुचारू होगा
5 औसतन स्कूल देखे सभी मुख्य ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों, संदर्भ व्यक्तियों ने जिलेभर में
50 प्रतिशत से ज्यादा अब संख्या बढ़ाने का प्रयास हो रहा है सरकारी स्कूलों में
2 सेक्शन बनाए जाएंगे, जिन स्कूलों में बैठक क्षमता सीमित है वहां
103 निजी विद्यालयों में भी विधिवत् पढ़ाई हो गई है शुरू

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