अब साथी हाथ बढ़ाना की तर्ज पर आगे बढ़ेंगे आदिवासी
आदिवासियों ने किया एकजुट हो लडऩे का आह्वानविश्व आदिवासी दिवस पर जिलेभर में हुए विविध कार्यक्रम
अब साथी हाथ बढ़ाना की तर्ज पर आगे बढ़ेंगे आदिवासी
राजसमंद. आदिवासी एकता दिवस पर विभिन्न आदिवासी समुदायों की बैठकों में लोगों ने एकजुटता का संकल्प लिया। साथ ही हक के लिए एकजुट होकर लड़ाई लडऩे का निर्णय लिया गया।
आदिवासी एकता प षिद की ओर से सोमनाथ चौराहा स्थित सोमनाथ मंदिर में बैठक हुई। अध्यक्षता परिषद संयोजक शांतिलाल अहारी ने की। मुख्य अतिथि अजमेर डिस्कॉम एसटी एम्प्लॉइज वेलफेयर सोसायटी उपाध्यक्ष मनोज मीणा एवं विशिष्ट अतिथि शांतिलाल भूरिया, सत्यनारायण मीणा, मुकेश मीणा, महावीर मीणा, जगराम मीणा थे। इस दौरान बिरसा मुंडा की मूर्ति लगवाने के लिए प्रशासन से मांग करने पर चर्चा हुई। इस दौरान जिलाध्यक्ष रामलाल मीणा, इन्द्रलाल मीणा, किशन लाल, नानालाल, भंवरलाल, राधाकृष्ण, चम्पालाल, हीरालाल, किशनलाल, शंकरलाल, गिरीश मीणा, राहुल राज अहारी आदि थे।
भील समाज विकास समिति द्वारा रेन बसेरा कांकरोली में आदिवासी दिवस मनाया गया। मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष गंगाराम व विशिष्ट अतिथि जिलाध्यक्ष मोहनलाल, जिला महासचिव गुलाबचंद, पार्षद प्रकाशचंद्र, मोहनलाल, लक्ष्मीलाल थे। समाज में रुढ़ीवादी रीति रिवाज, नशाखोरी पर अंकुश लगाने व शिक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई। इस दौरान रतनलाल, दिनेश, चम्पालाल, हुक्मीचंद, हेमाज, वेणीराम, ओमप्रकाश, कैलाशचंद्र, राजे, गोपाल लाल, दिलीप आदि थे।
दस सूत्री मांग पत्र सौंपा : राजस्थान आदिवासी संघ की ओर से आदिवासी लोगों के हक को लेकर दस सूत्री मांग पत्र राष्ट्रपति के नाम कलक्टर को दिया गया। अध्यक्ष लक्ष्मीलाल, मंत्री लोगरलाल ने ज्ञापन में बताया कि पांचवीं अनुसूची में संवैधानिक रूप से लागू करने, भर्तियों में आदिवासी के लिए अलग से आरक्षण लागू करने, उदयपुर में हाइकोर्ट की बैंच स्थापित करने, वन भूमि पर पट्टों को नियमित कर खातेदारी हक दिलाने, पूरे राजसमंद जिले को टीएससी क्षेत्र घोषित करने की मांग की है।
खमनोर, नाथद्वारा को टीएसपी घोषित करो
सेमा. राजस्थान आदिवासी संघ के पदाधिकारियों ने खमनोर, नाथद्वारा को टीएसपी क्षेत्र घोषित करने की मांग का ज्ञापन गत दिनों मुख्यमंत्री को सौंपा। इस दौरान शाखा नाथद्वारा के करोली पाली चौकला उपाध्यक्ष मोहनलाल भील, मीडिया प्रभारी आशाराम, जन सेवक, पुरीलाल, शिवलाल, चंपालाल व कमलाशंकर भील के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया।