बैठक में डॉ. जोशी ने कहा- जिले में भूजल स्तर को बढ़ाने व भविष्य को ध्यान में रखते हुए पेयजल स्थायी समाधान के लिए क्या कर रहे हो। पीएचईडी अधीक्षण अभियंता निर्मल चित्तौड़ा ने कहा- जाखम से पानी लाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर डॉ. जोशी बोले- मुझे बताओ तत्काल क्या कर सकते हो। एक बांध का पानी सिंचाई में देना बंद करो, फिर समीक्षा करो कि उस क्षेत्र में कितना भूजल बढ़ा है। व्यर्थ बहते पानी को संरक्षित करने के ठोस प्रयास करो। इस बार अच्छी बारिश हुई है, मगर अगले वर्ष होगी, यह कौन जानता है? इसलिए मेरे सामने हवाई बातें मत करों। इसका सर्वे कर जमीनी स्तर पर कार्य करके दिखाओ।
शहर-देहात में क्षतिग्रस्त सडक़ों की समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री आंजना ने कहा कि कामलीघाट से देवगढ़ गौरवपथ पर कई जगह से डामर गायब हो चुका है और खड्डे पड़ गए। इस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता ने बताया कि बारिश रुकते ही सही करवा देंगे। कलक्टर बोले- केेलवा- आमेट रोड भी खस्ता हैं और अन्य सडक़ों की काफी शिकायतें है। तभी डॉ. जोशी बोले- फील्ड में जाया करो, बागोल, परावल क्षेत्र में सडक़ों पर पानी निकल रहा है, लगातार पानी सडक़ से जाएगा, तो सडक़ टूटनी तय है। पानी निकासी साइड में क्यों नहीं करते।
डॉ. जोशी ने कहा कि प्रदेश में राजसमंद ही एक ऐसा जिला है, जहां नाथद्वारा- राजसमंद के सामान्य अस्पताल मिलाएं, तो 350 बेड के अस्पताल है। मौजूदा संसाधनों से सबसे पहले मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रयास हो सकते हैं। इसके लिए सीएमएचओ डॉ. जेपी बुनकर को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। साथ ही जल्द जमीन की तलाश कर आवंटित करने के लिए जिला कलक्टर को भी निर्देश दिए गए। खराब एम्बुलेंस को ठीक करवाओ। जो धक्का स्टार्ट को ऑन रोड मत रखो।