Election 2019 के खर्च की भी जांच करेगी SIT, हजारों करोड़ के कालेधन का लगाया पता
सामान्य स्थिति में कुल रोजगार के विरूद्ध झारखंड में कार्यरत श्रमिकों में 61.3 प्रतिशत स्वरोजगार के क्षेत्र में है, वहीं 23.6 प्रतिशत अनियमित श्रमिक है और 15.1 प्रतिशत ही नियमित वेतन पर कार्यरत है। राष्ट्रीय स्तर पर भी लगभग यही स्थिति है। राष्ट्रीय स्तर पर 52.2 प्रतिशत स्वरोजगारी है और 24.9 प्रतिशत अनियमित श्रमिक है, जबकि मात्र 22.8 प्रतिशत श्रमिक ही नियमित वेतन व मजदूरी पर कार्यरत है।
शोपियां में हिजबुल कमांडर समेत 2 आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों पर हुई पत्थरबाजी
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार जुलाई 2019 में ऑक्सफोर्ड प्रोवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनेसिटिव और यूनाईटेड नेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम, यूएनडीपी द्वारा प्रकाशित वैश्विक बहुआयामी गरीबी इंडेक्श्स 2019 के अनुसार झारखंड के लगभग 45.6प्रतिशत (1.62 करोड़) लोग वर्ष 2015-16 में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर कर रहे है। वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्य पर 83592 रुपये तथा स्थिर मूल्य पर 60339 रुपये रहने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2014-15 में स्थित मूल्य पर झारखंड की प्रति व्यक्ति आय 47781 रुपये थी। दो वर्षा के बाद वर्ष 2016-17 में इसमें 45 रुपये की वृद्धि हुई। इसके बाद के कुछ वर्षां में कुछ सुधार हुआ और वर्ष 2014-15 से 2018-19 के बीच इसमें चार प्रतिशत की औसत दर से वृद्धि हुई। वर्त्तमान वर्ष में इसमें 5.6 प्रतिशत के वृद्धि का अनुमान है।