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रामपुर

Sawan Ka Pehla Somwar: Azam Khan के गढ़ में मुस्लिम भी करते हैं भगवान शिव का जलाभिषेक- देखें वीडियो

22 जुलाई को सावन के पहले साेमवार पर शिवालयों में लगी भक्‍तों की लाइन
शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक ( Jalabhishek ) करने पहुंचे लोग
रामपुर के भमरोवा गांव के मंदिर में मुस्लिम भी करते हैं Jalabhishek

रामपुरJul 22, 2019 / 10:25 am

sharad asthana

Sawan Ka Pehla Somwar

Sawan Ka Pehla Somwar: नवाब हामिद अली ने बनवाया था यह मंदिर, मुस्लिम भी करते हैं जलाभिषेक

रामपुर। सावन (Sawan) का पवित्र माह शुुरू हो चुका है। 22 जुलाई 2019 को सावन का पहला सोमवार ( Sawan Ka Pehla Somwar ) पड़ा। सावन के पहले साेमवार ( Sawan Ka Pehla Somwar ) पर शिवालयों में सुबह से ही भक्‍तों की लाइन लग गई। सोमवार को सुबह ‘बोल बम बम’ के जयकारों से मंंदिर गूंज उठे। सोमवार को आजम खान के गढ़ रामपुर के भमरोवा गांव में स्थित शिवालय में भी भारी संख्‍या में भक्‍त भगवान शिव का जलाभिषेक ( Jalabhishek ) करने पहुंचे। खास बात यह है कि यहां पर मुस्लिम भी भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं।
गांव में नहीं है कोई हिंदू परिवार

हम बात कर रहे हैं रामपुर मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर स्थित भमरोवा गांव के ऐतिहासिक स्‍वयंभू प्रकटेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग मंदिर की। गांव में कोई भी हिंदू परिवार नहीं रहता है। मंदिर के आसपास भी कोई हिंदू परिवार नहीं रहता है। खास बात यह है क‍ि यहां कभी भी हिंदू-मुस्लिम लोगों के बीच आपसी मतभेद नहीं हुए।
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डेढ़ लाख तक श्रद्धलु पहुंचेंगे यहां पर

मंदिर के पुजारी लालता प्रसाद ने बताया कि सावन के पहले सोमवार पर करीब 50,000 श्रद्धालु यहां आएंगे। सुबह से ही श्रद्धालुओं का लंबा ताता लगा हुआ है। पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दूसरे, तीसरे और चौथे सोमवार पर यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर डेढ़ लाख तक पहुंच जाएगी। हिंदुस्तान के कोने-कोने से लोग यहां पर आते हैं। कोई बृजघाट से तो कोई हरिद्वार से कांवर लाकर यहां पर जल चढ़ाता है।
नबाव हामिद अली ने करवाया था निर्माण

मंदिर के पुजारी ने बताया कि करीब 350 साल पहले नबाव हामिद अली ने मंदिर का निर्माण अपने पैसे से कराया था। यहां पर कोई हिंदू परिवार नहीं रहता था। इसके बावजूद मुस्लिम नवाब ने मंदिर की देखरेश भी की। मंदिर का सबसे ज्यादा ख्याल यहां के मुस्लिम लोग ही रखते हैं। मुस्लिम परिवार जिस तरह से मस्जिद और मजार का ख्याल रखते हैं, उसी तरह से इस मंदिर का ख्याल रखते हैं। इस मंदिर को वे अपना सब कुछ समझते हैं।
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मंदिर में चढ़ाई थी घंटी

ग्राम प्रधान असलम पहले कई बार चुनाव लड़े लेकिन सफल नहीं हो पाए। पिछले चुनाव में उन्‍हें चुनाव चिन्‍ह घंटी मिला तो उन्‍होंने मंदिर में घंटी चढ़ाई। इसके बाद उन्‍हें जीत नसीब हुई। पूर्व प्रधान नईब और माैजूदा प्रधान असलम का कहना है क‍ि उन्‍होंने पीढ़‍ियों से इस मंदिर की सेवा की है। हाल ही में असलम ने रामपुर की पूर्व सांसद जया प्रदा के साथ इस मंदिर में भगवान शिव काे जल चढ़ाया था।
यह है मंदिर की खासियत

मंदिर में जल चढ़ाने आईं 70 साल की महिला ने बताया कि उनका एक्सीडेंट हुआ था। उन्‍होंने मन्‍नत मांगी थी कि भगवा न उन्‍हें अच्छा कर दे तो वह यहां पर प्रसाद चढ़ाएंगी। भगवान की कृपा से वह जल्दी ठीक हो गई। अब वह हर सोमवार को यहां आती हैं और भगवान भोलेनाथ के मंदिर में जलाभिषेक करती हैं। उन्‍होंने जो मांगा है, वह उन्‍हें मिला है। इस मंदिर की यही खासियत है कि जो सच्ची श्रद्धा से यहां आता है, उसे वहीं मिलता है, जो वह मांगता है।
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