आजम खान ने साल 2022 में हाईकोर्ट में एक शिकायत दायर की थी। इसमें जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में पुलिस के प्रवेश और यूनिवर्सिटी कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि यूनिवर्सिटी में पुलिस के प्रवेश से बच्चों की पढ़ाई खराब होती है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही डीएम और रामपुर के एसपी को पार्टी बनाया था। कोर्ट ने इस शिकायत को खारिज कर दिया था। साथ ही 50 हजार रुपए का आजम खान पर हर्जाना लगाया था, लेकिन आजम खान ने इसे जमा नहीं कराया।
अब हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने इस रकम को वसूलने के लिए जिला प्रशासन को आदेश दिए हैं। आजम खान इस समय सीतापुर की जेल में बंद हैं। बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले उन्हें 7 साल की सजा सुनाई गई थी। आजम खान से वसूली जाने वाली रकम हाईकोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के पास जमा कराई जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश
हाईकोर्ट के जज विवेक कुमार बिरला और राहुल चतुर्वेदी की बेंच ने सुनवाई करते हुए आजम खान की शिकायत को खारिज करते हुए 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया था। आदेश के एक साल तीन माह बाद भी आजम खान ने हर्जाना जमा नहीं किया। जिस पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि आजम खान से भू राजस्व की तर्ज पर हर्जाने की रकम वसूली की जाए और हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराया जाए।