इस दौरान यूनिवर्सिटी में मौजूद कुछ महिलाओं ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि यह सब गलत किया जा रहा है। यहां पर बच्चे पढ़ने आते हैं। मदरसा आलिया के प्रिंसिपल ने बताया कि सपा सरकार के कार्यकाल में नौ हजार के करीब पुस्तकें चोरी हुई थीं। सत्ता के दबाव में उस दौरान कार्रवाई नहीं हुई। मैंने कई बार लिखकर दिया। कई बार पत्र भेजें। पर किसी ने नहीं सुना। अब सत्ता बदली है। जैसे कि मुझे मालूम था कि यहां पर किताबें हो सकती हैं तो पुलिस टीम को लेकर मैं यहां आया और मैंने यहां से तमाम पुस्तकें और फर्नीचर बरामद करवाया है।
वहीं रामपुर एसपी अजय पाल शर्मा ने पत्रिका को बताया कि पिछली 16 तारीख को एक मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें यह बात बताई गई थी कि कुछ ओरिएंटल कॉलेज मदरसा आलिया की पुस्तकें चुराई गई हैं। उन किताबों की पड़ताल करने के लिए मुमताज सेंट्रल लाइब्रेरी में छापेमारी की गई है। यहां से कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
गौरतलब है कि जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ इससे पहले भी प्रशासन ने कई मामले दर्ज किए थे। 25 जुलाई को ही रामपुर एसडीएम ने यूनिवर्सिटी के अंदर से गुजर रहे सार्वजनिक मार्ग से अनाधिकृत कब्जा हटाने के निर्देश दिए थे। वहीं इसकी क्षतिपूर्ति के रूप में आजम खान को 3 करोड़ 27 लाख 60 हजार देने को कहा गया था।