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सुकन्या समृद्धि योजना में 250 रुपये से खोलें खाता, नहीं रहेगी बेटी की शादी की चिंता बता दें कि रामपुर रियासत के नवाब रजा अली खान (Nwab Raza Ali Khan) की मृत्यु 1966 में हुई थी। नवाब रजा अली खान की तीन पत्नियां से तीन बेटे और बेटी थीं। नवाब साहब की मृत्यु के बाद उनके सबसे बड़े बेटे मुर्तजा ली खान को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया, जिसे सरकार ने भी मान्यता दी थी। लेकिन रामपुर के उत्तराधिकारी को लेकर तब विवाद शुरू हो गया, जब उनके छोटे भाई जुल्फिकार अली खान ने अदालत में चुनौती पेश की। जुल्फिकार का निकाह पूर्व सांसद नूर बानो बेगम से हुआ था। इस मामले में 47 साल बाद जुलाई 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के हिसाब से सभी नवाब साहब के सभी बेटों और बेटियों को कानूनी तौर पर उत्तराधिकारी माना जाएगा। इस तरह कुल 16 उत्तराधिकारियों की सूची तय की गई। सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 तक मामले को सुलझाने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लग रहा था कि अब मामला सुलझ गया है, लेकिन अब संपत्ति के पांच नए दावेदार सामने आ गए हैं।
ये हैं पांच नए दावेदार सरकार रामपुर रियासत के शाही महल, बंदूकों, गाड़ियों और जेवरात की सूची तैयार कर ही रही थी कि अब पांच नए दावेदार आ गए। ये दावेदार नवाब की छोटी बहन नवाबजादी कुलसूम बेगम उर्फ नन्हीं बेगम के वंशज हैं। इनमें शेरात अली खान, सनम अली, सायरा अली व मेहरुन्निसा बेगम शामिल हैं। नन्हीं बेगम के वंशजों का कहना है कि जब उनकी दादी (नन्हीं बेगम) 10 वर्ष की थीं तो उनके पिता का इंतकाल हो गया था और वह अपने अधिकारों से वंचित रह गईं। हालांकि इन नए दावेदारों की अपील को जिला अदालत ने खारिज कर दिया है, लेकिन अब ये सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
बेशुमार दौलत उल्लेखनीय है कि नवाब के पास नायाब हथियारों के साथ हीरे-जवाहरात के अलावा कई इंपोर्टेड कार थीं। अब तक मिले हथियारों की कीमत करीब 76 लाख रुपए आंकी गई है। वहीं कोर्ट को मिली लिस्ट के मुताबिक कारों की संख्या 16 है। वहीं, सर्वे में बेशकीमती हथियार भी सामने आए हैं, जिनकी संख्या करीब एक हजार बताई जा रही है। इसके अलावा कोठी के स्ट्रॉन्गरूम में एक जमाने में स्ट्रांगरूम में 60 किलोग्राम सोना, हीरे के ताज, सोना-चांदी के बर्तन, सोने के अलम और कई बेशकीमती धरोहर होने का दावा किया गया है, जिनका अभी सर्वे किया जा रहा है।