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सपा सांसद आजम खान को सबसे बड़ा झटका, जौहर यूनिवर्सिटी पर अब यूपी सरकार ने किया कब्जा

locationरामपुरPublished: Sep 10, 2021 10:56:26 am

Submitted by:

lokesh verma

सपा के कद्दावर नेता और सांसद आजम खान (Azam Khan) की मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University) की जमीन पर अब उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) का कब्जा। प्रशासन ने जौहर ट्रस्ट को किया बेदखल।

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रामपुर. सपा के कद्दावर नेता और सांसद आजम खान (Azam Khan) की मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University) की जमीन पर अब उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) का कब्जा हो गया है। जौहर यूनिवर्सिटी पहुंची रामपुर (Rampur) प्रशासन की टीम ने पूरी जमीन पर कब्जा करते हुए आजम खान की जौहर ट्रस्ट (Jauhar Trust) को बेदखल कर दिया है। बता दें कि जौहर ट्रस्ट ही यूनिवर्सिटी का संचालन करती है, जिसके अध्यक्ष खुद आजम खान हैं। जबकि उनकी पत्नी तजीन फातिमा सचिव हैं।
दरअसल, तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार की अगुवाई में प्रशासन की टीम गुरुवार को जौहर विश्वविद्यालय पहुंची। जहां प्रमोद कुमार ने विश्वविद्यालय के कुलपति सुल्तान मोहम्मद खान से वार्ता करते हुए उन्हें दखलनामे पर हस्ताक्षर के लिए कहा। लेकिन कुलपति ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रशास की टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी की 173 एकड़ जमीन को लेकर कब्जा बेदखल करने की कार्रवाई की। बता दें कि जनवरी में ही प्रशासन ने जमीन को सरकार में निहित कराया था। उस दौरान अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता की कोर्ट ने ये आदेश सुनाए थे।
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खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा

अपर जिलाधिकारी की अदालत के आदेश के बाद जौहर ट्रस्ट ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन बीते 6 सितंबर को हाईकोर्ट ने जौहर ट्रस्ट की अर्जी को खारिज करते हुए प्रशासन के फैसले को सही बताया था। इसी वजह से अब प्रशासन ने बेदखली की कार्रवाई की है। बता दें कि जौहर यूनिवर्सिटी के पास लगभग 265 एकड़ भूमि थी, लेकिन अब 12.50 एकड़ शेष है, जो यूनिवर्सिटी परिसर से बाहर बताई जाती हैै। बताया जाता है कि इस भूमि को जौहर ट्रस्ट ने सबसे पहले खरीदा था। इसलिए इसे जौहर ट्रस्ट के पास छोड़ा है। इसके अलावा पूरी जमीन पर सरकार का कब्जा हो गया है।
जौहर ट्रस्ट को शर्तों का उल्लंघन करना पड़ा भारी

उल्लेखनीय है कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का संचालन जौहर ट्रस्ट करती है। उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार ने वर्ष 2005 में कुछ शर्तों के साथ ट्रस्ट को साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति दी थी। उस दौरान जौहर ट्रस्ट ने कहा था कि गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा और चैरिटी का कार्य किया जाएगा। इन शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से शिकायत की। सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने जांच बिठाई तो आरोप सही पाए गए। नियमानुसार ट्रस्ट को प्रति वर्ष जिलाधिकारी को प्रगति रिपोर्ट देनी पड़ती है, लेकिन डीएम को कोई रिपोर्ट नहीं दी गई। इसके साथ ही ट्रस्ट ने भूमि खरीदने में नियमों का भी उल्लंघन किया, जिसके बाद अपर जिलाधिकारी की तरफ से कोर्ट में केस दर्ज कराया गया था।
यूनिवर्सिटी को भी अपने कब्जे में लेगी सरकार

आरोप है कि शत्रु संपत्ति को वक्फ की जमीन बताते हुए उस पर कब्जा किया गया था। चकरोड की भूमि की अदला-बदली में अनियमितता पाई गई। इसके साथ ही कोसी नदी क्षेत्र की भूमि का आवंटन सही नहीं हुआ। जबकि 101 बीघा भूमि बगैर अनुमति खरीदी गई, जो अनुसूचित जाति के लोगों की थी। इसी तरह 26 किसानों की तीन एकड़ जमीन पर भी कब्जा किया गया था, जिस पर प्रशासन ने कब्जा वापस दिला दिया था। बता दें कि अब जौहर यूनिवर्सिटी के पास सिर्फ साढ़े 12 एकड़ ही भूमि है, जबकि नियम के तहत 50 एकड़ भूमि होनी चाहिए। इस वजह से अब सरकार यूनिवर्सिटी को अपने कब्जे में लेगी। प्रशासन ने इसको लेकर सरकार को रिपोर्ट भेजी है। जबकि हाईकोर्ट के आदेश पर पूरी जमीन भी सरकार ने कब्जे ले ली है।
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