रखा यह इनाम
बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव एस.के.जे. रहाटे ने पत्रकारों को बताया कि नक्सल रिवार्ड पॉलिसी में संशोधन किया गया है। उन्होंने बताया कि 2 सितंबर 2019 को जारी आदेश में इनामी नक्सलियों की सूची 200 तक सीमित रखनी थी, लेकिन अब यह सीमा संख्या बढ़ाकर 400 हो गई है। उन्होंने बताया कि नक्सली के केंद्रीय कमेटी के सचिव, पोलित ब्यूरो सदस्य और केंद्रीय कमेटी के सदस्यों पर एक करोड़ का इनाम, स्पेशल एरिया कमेटी, रिजनल ब्यूरो व मिलिट्री सदस्य पर 25 लाख का इनाम, रिजनल कमेटी के सदस्य पर 15 लाख, जोनल कमांडर के सदस्य पर 10 लाख, सब जोनल कमेटी के सदस्य पर 5 लाख, कमांडर व एरिया कमेटी सदस्य पर 2 लाख और दस्ता सदस्य एक लाख रुपए की राशि तय की गई है।
रकम के अनुसार बाटे राशि घोषित करने के अधिकार
उन्होंने यह भी बताया कि इनामी नक्सलियों की सूची को 400 करने के साथ ही एक लाख रुपए की पुरस्कार राशि पुलिस अधीक्षक, दो लाख रुपए तक की राशि पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) तथा पांच लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि घोषित करने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और 5 से 10 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि की घोषणा के लिए गृह मंत्री और 10 लाख रुपसे से अधिक की इनाम की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री सक्षम होंगे। साथ ही, किसी भी समय अधिकतम 400 फरार उग्रवादी- अपराधी की गिरफ्तारी के लिए ही पुरस्कार राशि की घोषणा लागू रह सकती है।
गौरतलब है कि अभी झारखंड में दर्जनों नक्सलियों के खिलाफ इनाम की घोषणा है। वहीं नक्सलियों के लिए घोषित पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रोत्साहन स्वरुप इनाम की राशि उनके परिजनों को भुगतान कर दी जाती है। इसका फायदा कई नक्सलियों द्वारा उठाया जा चुका है।