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उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस गठबंधन की सरकार जिस दिन से सत्ता में आ गई है, लोग भय मुक्त हो गए है। सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा के सहयोग से पड़ोसी राज्य बिहार में चल रही नितिश कुमार की सरकार ने भी इसे अपने राज्य में लागू नहीं करने की मांग की है, वहीं पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी इसे लागू नहीं करने की बात की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का प्रारंभ से ही इस मसले पर देशभर में स्पष्ट स्टैंड रहा है, जिस कारण झारखंड के लोगों की हताशा, निराशा और भय दूर हो चुका है और अब वे इस पर ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहते है, इस मसले पर कुछ होने वाला नहीं है।
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उन्होंने बताया कि पार्टी घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) के अनुसार कैबिनेट की पहली बैठक में कई जनआकांक्षाओं को पूरा करने का काम किया गया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अलाउद्दीन का कोई चिराग नहीं है, जनता ने पांच वर्षों के लिए सत्ता दी है, इस दौरान पार्टी घोषणा पत्र में शामिल सभी वायदों को पूरा करने का प्रयास करेगी।
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इस मौके पर मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी घोषणा पत्र के अनुसार मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही पत्थलगड़ी और सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन के विरोध में दर्ज हुए मामले को वापस लेने का निर्णय लिया गया, यह पार्टी के घेषणा पत्र में शामिल था, पार्टी ने सत्ता में आने पर इसे पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और अन्य अनुबंधित कर्मियों का महीनों से मानदेय बकाया था, इसे शिविर लगाकर भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा रिक्त पदों को भरने के अलावा रोजगार के नए अवसर सृजन का भी फैसला लिया गया है।