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रांची

झारखंड: प्रतिवर्ष हजारों श्रमिक रोजगार की तलाश में कर रहे पलायन

श्रम विभाग व आंगनबाड़ी सेविकाओं के सर्वेक्षण में 78730 लोगों के पलायन की पुष्टि हुई है…
 

रांचीJan 19, 2019 / 04:56 pm

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(रांची): अलग झारखंड राज्य के 18 वर्ष बीत जाने के बावजूद अब भी झारखंड से प्रतिवर्ष हजारों श्रमिक काम की तलाश में राज्य से बाहर पलायन करने के लिए मजबूर है। राज्य सरकार पलायन करने वाले आंकड़ों को करीब एक लाख के करीब बताती है, वहीं पलायन पर नजर रखने वाले निजी एजेंसियां दावा करती है कि यह संख्या लाखों में है और हाल के वर्षों में राज्य से रोजगार की तलाश में पलायन करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

 

भारी संख्या में पलायन चिंता का विषय

श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग और महिला बाल विकास विभाग तथा सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से वर्ष 2017 में प्रवासी श्रमिकों का एक सर्वेक्षण कराया गया, जिसमें कुल 78730 लोगों के राज्य से काम की तलाश में पलायन कर जाने की बात सामने आई है। हालांकि राज्य सरकार का यह कहना है कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को यह संवैधानिक अधिकार प्राप्त है कि वे देश के किसी भी हिस्से में जाकर अपना जीवन-यापन कर सकते है, राज्य के किसी भी व्यक्ति को अन्य राज्यों में बेहतर रोजगार के लिए जाने से संवैधानिक रूप से रोका नहीं जा सकता है, फिर भी श्रमिकों विशेषकर महिला श्रमिकों का पलायन सरकार के लिए चिंता का विषय है।


श्रमिकों के पलायन को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा संवेदनशीलता के साथ कई उपाय किए गए है, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा महिला श्रमिकों के अभिभावकों से अपील किया जा रहा है, साथ ही प्रवासी श्रमिकों के लिए मानक क्रियान्वयन प्रक्रिया का प्रचार-प्रसार, प्रवासी श्रमिकों एवं उनके परिवारों के आय में वृद्धि के उद्देश्य से उन्हें विभिन्न रोजगारोन्मुखी योजनाओं से लाभान्वित कराने का प्रयास सम्मिलित है।

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