सड़क प्राधिकरण से राजमार्ग प्राधिकरण तक का सफर
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर रतलाम के पास करीब एक हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र निवेश समेत अन्य निर्माण के लिए सुरक्षित किया गया है। इसमें से करीब एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र अब एमपीआरडीसी ने एनएचआई को दे दिया है। यहां एनएचआई नया निवेश क्षेत्र तैयार करेगा। ये नया निवेश क्षेत्र इस एक्सप्रेस-वे पर प्रदेश में सबसे बड़ा व प्रमुख रहेगा।
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औद्योगिक कलस्टर और लॉजिस्टिक जोन
नए निवेश क्षेत्र में एक लॉजिस्टिक जोन एवं औद्योगिक कलस्टर प्रस्तावित है, इससे रतलाम समेत आसपास के जिलों में रोजगर के अवसर बढ़ेगे, तो नई संभावनाएं विकसित होगी। एक्सप्रेस-वे का सीधा लिंक देश के प्रमुख औद्योगिक शहरों से है, तो कई प्रदेशों के हवाई अड्डे और समुद्री बंदरगाह भी इससे लिंक कनेक्ट रहेंगे। इसका बड़ा लाभ मध्य प्रदेश के रतलाम को मिलेगा, क्योंकि नया निवेश क्षेत्र एक्सप्रेस-वे के दायरे में होने से बड़े निवेशक भी आकर्षित होंगे।
अब दिल्ली से विकास क्षेत्र का खाका बनेगा
नए निवेश क्षेत्र की भूमि के उपयोग संबंधी के बाद अब केंद्र स्तर से औद्योगिक निवेश क्षेत्र विकास का प्रस्ताव स्वीकृत की कतार में है। माना जा रहा है कि, इसपर शुरूआती मंथन हो चुका है, जल्दी ही एनएचआई से बनने वाले प्रस्ताव पर केन्द्र स्तर से भी स्वीकृति दी जा सकत है। इस प्रक्रिया के बाद राज्य सरकार के अधिन इस एक्सप्रेस-वे पर मध्यप्रदेश के रतलाम में पहला नया निवेश क्षेत्र तैयार होगा तो मंदसौर जिले में गरोठ के पास भी लॉजिस्टिक हब सहित एग्री फूड जोन के प्रस्ताव पर नई संभावनाएं निर्मित होगी।
अनुबंध के साथ आगे बढ़ी बात
इस संबंध में रतलाम शहर के विधायक चेतन काश्यप ने बताया कि, एमपीआरडीसी और एनएचआई के बीच रतलाम के पास एक्सप्रेस-वे पर नए निवेश क्षेत्र को लेकर भूमि संबंधी अनुबंध हो गया है। इसपर निवेश क्षेत्र का प्रस्ताव आगे बढ़ेगा। ये रतलाम जिले के साथ ही प्रदेश के लिए भी अहम है, क्योंकि नए निवेश क्षेत्र की स्थापना के बाद रोजगार के साथ ही औद्योगिक विकास की संभावनाएं काफी तेजी से बढ़ेगी। 16 सितंबर को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ चर्चा के दौरान इस विषय पर बात की गई थी, उनके निर्देश पर ही समूची प्रक्रिया चल रही है।
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