रतलाम. शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के अंतर्गत निजी स्कूलों में सरकार की तरफ से भर्ती कराए गए बच्चों की फीस अब पहली से आठवीं तक एक जैसी नहीं होगी। इस फीस को तीन कैटेगरी में बांट दिया गया है और इसे 2020-21 के सत्र से ही लागू माना गया है। तीनों कैटेगरी की फीस अलग-अलग होगी।
अब तक यह थी व्यवस्था आरटीई 2009 जिसे 2011 में लागू किया गया था। इस नियम के लागू होने के बाद निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाए गए बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति सरकार करती है और हर साल इसका निर्धारण भी सरकार ही करती है। इसी अनुसार निजी स्कूलों को उनके यहां प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की जाती है। एक जैसी ही फीस पहली से आठवीं तक के बच्चों की तय की जा रही थी।
अब यह होगी नई व्यवस्था आरटीई के नए निर्देशों के अनुसार अब पहली से आठवीं तक बच्चों को एक ही जैसी फीस तय नहीं की जाएगी और न ही स्कूलों को इसकी फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी। लोक शिक्षण संचालनालय ने इसके लिए अब तीन स्तर तय कर दिए हैं। तीनों ही स्तरों की फीस अलग-अलग होगी। इसी अनुसार अब स्कूलों को प्रपोजल बनाकर जिला शिक्षा केंद्र में प्रस्तुत करना होंगे
IMAGE CREDIT: patrikaये होगा स्ट्रक्चर पूर्व प्राथमिक (एलकेजी, यूकेजी) – 5201 पहली से पांचवीं तक – 5319 छटी से आठवीं तक – 5600 नए नियम से होगी फीस प्रतिपूर्ति
आरटीई के प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए तीन तरह की कैटेगरी के अनुसार भुगतान करने के आदेश जारी हुए हैं। अब इसी अनुसार स्कूलों को फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी। हर स्कूल को इसी अनुसार प्रपोजल बनाकर देने होंगे।
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