यह विचार विद्यावाटिका में मंगल प्रवचन के दौरान मुनिश्री प्रणाणसागर ने गुरुभक्तों को जीवन में पूजा, दान, व्रत और उपवास का महत्व बताते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री ने कहा भाव चर्या में परिवर्तन से जीवन में सफलता मिलती है। रात्रि भोजन का त्याग करो, यह छटवां व्रत है। आजकल इस तरह के व्रत का पालन सिर्फ महिलाएं ही व्रत कर रही है, जैसे पुरुषों के मोक्ष का ठेका इन्होंने ने ही ले रखा है। अगर आपने उपवास किया तो पहले दिन फाइट रहेगी, फिर हालत टाइट हो जाएगी और उसके बाद आपकी तबियत राइट हो जाएगी।
पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव
दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के सचिव व प्रवक्ता मांगीलाल जैन ने बताया कि सिद्वचक्र महा मण्डल विधान, विधानए विश्व शांति महायत्र रथ यात्रा आयोजन की श्रंृखला में 25 नवंबर को विद्यावाटिका लोकेन्द्र भवन रोड में पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव रखा गया है। इस अवसर पर रतलाम सहित देश भर से गुरुभक्त मौजूद रहेंगे। धार्मिक आयोजनों के पश्चात यहां सकल जैन समाज का स्वामी वात्सलय भी रखा गया है।
दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के सचिव व प्रवक्ता मांगीलाल जैन ने बताया कि सिद्वचक्र महा मण्डल विधान, विधानए विश्व शांति महायत्र रथ यात्रा आयोजन की श्रंृखला में 25 नवंबर को विद्यावाटिका लोकेन्द्र भवन रोड में पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव रखा गया है। इस अवसर पर रतलाम सहित देश भर से गुरुभक्त मौजूद रहेंगे। धार्मिक आयोजनों के पश्चात यहां सकल जैन समाज का स्वामी वात्सलय भी रखा गया है।