सुबह करीब 10 बजे बाद जैसे ही अवध एक्सपे्रस नागदा स्टेशन पर पहुंची, सामान्य श्रेणी के डिब्बों में बच्चों की तलाश शुरू हुई। दल अलग-अलग हिस्सों में बंट गया। कुछ इंजन के करीब के व कुछ गार्ड के डिब्बे के करीब लगे हुए सामान्य श्रेणी के डिब्बों के करीब पहुंचे। गार्ड के डिब्बे के करीब लगे हुए सामान्य श्रेणी के डिब्बे में तीन बच्चे क्रमश: राधा कुमारी, पिता सुरेश चौरसिया, उम्र 11 वर्ष, गणेश पिता सुरेश चौरसिया, उम्र 9 वर्ष, काजल कुमारी पिता सुरेश चौरसिया, उम्र 5 वर्ष डिब्बे में मुंह पर मास्क लगाए हुए बैठे नजर आए।
तीनों बच्चों से पूछने पर उन्होने बताया कि वे अपने पिता सुरेश चौरसिया जो कि मुबंई में काटकट पारा, बोईसर में कडिय़ा के काम करते है के साथ रहते है तथा उनकी मम्मी गांव भरौन, रहिमा कोठिया, जिला मरमनी, बिहार में रहती है से मिलने जा रहे है। तीनों बच्चे अपने पिता को बताए बिना अपनी मां के पास बिहार जाने के लियें मुबंई से अवध ट्रेन के पीछे के सामान्य कोच में बैठ गए थे। उनके पास रुपए नहीं है। इसके बाद आरपीएफ ने मोबाइल पर बच्चों को पिता व मां से अगल- अलग बात करवाई व भोजन करवाया। इसके बाद बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन को सौप दिया।