scriptमासूमों की चलती ट्रेन में पुकार, कोई पानी ला दो, फिर हुआ यह | Calling of innocents in the moving train, bring some water | Patrika News
रतलाम

मासूमों की चलती ट्रेन में पुकार, कोई पानी ला दो, फिर हुआ यह

ट्रेन में पानी के लिए रो रहे थे बच्चे, यात्रियों की सूचना पर उतारा, मुंबई में पिता के साथ रहने वाले तीन बच्चे जा रहे थे मां से मिलने बिहार

रतलामJul 04, 2021 / 08:32 pm

Ashish Pathak

मासूमों की चलती ट्रेन में पुकार, कोई पानी ला दो, फिर हुआ यह

मासूमों की चलती ट्रेन में पुकार, कोई पानी ला दो, फिर हुआ यह

रतलाम. रतलाम से चली ट्रेन नंबर 09039 अपनी रफ्तार पर थी। सामान्य श्रेणी के डिब्बे में बैठे तीन छोटे बच्चों में से एक लगातार रो रहा था। जब यात्रियों ने लगातार रोने का कारण पता किया तो बच्चे ने बताया प्यास लग रही है। जेब में पानी के लिए रुपए नहीं है। इसके बाद ट्रेन के नागदा पहुंचने पर प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी कर रहे आरपीएफ के उपनिरीक्षक अंसार हुसैन को सूचना दी गई। इसके बाद बच्चों को ट्रेन से उतारा गया। जब पुछताछ की गई तो पता चला मां की याद आने पर बच्चे अकेले ही किसी को बताए बगैर मुंबई से बिहार के लिए निकल गए थे।
CycloneNivar: Train services cancelled by Southern railway
रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 182 पर शनिवार सुबह करीब १० बजे फोन आया की बांद्रा से गौरखपुर जा रही यात्री ट्रेन नंबर 09039 अवध एक्सपे्रस के सामान्य श्रेणी के यात्री डिब्बे में तीन बच्चे अकेले यात्रा कर रहे है व उनके पास रुपए नहीं है। इतना ही नहीं इनको भूख प्यास लग रही है। इसके बाद रेलवे नियंत्रण कक्ष से नागदा आरपीएफ में ड्यूटी पर उपस्थित उप निरीक्षक अंसार हुसेन को सूचना दी गई की जैसे ही अवध एक्सपे्रस आए इसमे सवार बच्चों के बारे में जानकारी ली जाए। दल बल के साथ हुसैन भी ट्रेन का इंतजार करने लगे।
Special train will run between LTT to Agra Cantt and Habibganj
IMAGE CREDIT: patrika
ट्रेन के पहुंचते ही हुई तलाश शुरू
सुबह करीब 10 बजे बाद जैसे ही अवध एक्सपे्रस नागदा स्टेशन पर पहुंची, सामान्य श्रेणी के डिब्बों में बच्चों की तलाश शुरू हुई। दल अलग-अलग हिस्सों में बंट गया। कुछ इंजन के करीब के व कुछ गार्ड के डिब्बे के करीब लगे हुए सामान्य श्रेणी के डिब्बों के करीब पहुंचे। गार्ड के डिब्बे के करीब लगे हुए सामान्य श्रेणी के डिब्बे में तीन बच्चे क्रमश: राधा कुमारी, पिता सुरेश चौरसिया, उम्र 11 वर्ष, गणेश पिता सुरेश चौरसिया, उम्र 9 वर्ष, काजल कुमारी पिता सुरेश चौरसिया, उम्र 5 वर्ष डिब्बे में मुंह पर मास्क लगाए हुए बैठे नजर आए।
After eight months, this train will run on Khajuraho, Chhatarpur route
IMAGE CREDIT: patrika
यह बताया पुछताछ में
तीनों बच्चों से पूछने पर उन्होने बताया कि वे अपने पिता सुरेश चौरसिया जो कि मुबंई में काटकट पारा, बोईसर में कडिय़ा के काम करते है के साथ रहते है तथा उनकी मम्मी गांव भरौन, रहिमा कोठिया, जिला मरमनी, बिहार में रहती है से मिलने जा रहे है। तीनों बच्चे अपने पिता को बताए बिना अपनी मां के पास बिहार जाने के लियें मुबंई से अवध ट्रेन के पीछे के सामान्य कोच में बैठ गए थे। उनके पास रुपए नहीं है। इसके बाद आरपीएफ ने मोबाइल पर बच्चों को पिता व मां से अगल- अलग बात करवाई व भोजन करवाया। इसके बाद बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन को सौप दिया।
indian_railway.jpg

Hindi News/ Ratlam / मासूमों की चलती ट्रेन में पुकार, कोई पानी ला दो, फिर हुआ यह

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो