महाराज ने कहा कि श्रेष्ठ जाति व्यवस्था के कारण समाज के हर व्यक्ति के पास रोजगार का अपना साधन होता था। इस कारण समाज में बेरोजगारी नहीं थी। कार्यक्रम संयोजक पुष्पेन्द्र जोशी ने विषय की अवधारणा रखते हुए कहा की जाति व्यवस्था ने विश्व को सर्वश्रेष्ठ देने की व्यवस्था दी, लेकिन जातिवाद से चंद लोगों ने फायदा उठाकर अपनी ही जाती को पीडिय़ो तक दुष्परिणाम भुगतने के लिए छोड़ दिया है।शुरुआत में दीप प्रज्वलन विशेष अतिथि सनातन धर्मसभा के अध्यक्ष कोमलसिंह राठोर एवं रमेश व्यास ने किया। सभी जाति समाज के प्रतिनिधियों ने जगद्गुरु का स्वागत किया।
इस अवसर पर पंडित रामचंद्र शर्मा, राजेश दवे, सुधीर सराफ, मिलिंद करंदीकर, बंसीलाल शर्मा, बद्रीलाल शर्मा, नरेन्द्र जोशी गुल्लु, नवनीत मेहता, वीरेन्द्र कुलकर्णी, भवानी शंकर मोड़, सुनील शर्मा, सतीश तिवारी, शरद शुक्ला, सूरजमल टांक, नवनीत सोनी, धन्नालाल पाटीदार, गोविन्द राठी, अशोक शर्मा, सत्यनारायण पालीवाल सहित बड़ी संख्या में सभी समाजजन उपस्थित थे। संचालन ब्रजेन्द्र मेहता ने किया। आभार मनकामनेश्वर जोशी ने माना।