्रराकेश के कोच और आशुतोष क्रिकेट क्लब के अनुज शर्मा और राजेश हेरिस ने बताया राकेश ठाकुर ने शहर के स्कूल से क्रिकेट की शुरुआत की थी। स्कूल से दो बार विद्यालय और महाविद्यालय में नेशनल खेले। विद्यालय और महाविद्यालय तक अशुतोष क्लब से क्रिकेट खेले। इसके बाद भाई तिलेश्वरसिंह के देवास ट्रांसफर होने से देवास चले गए और देवास पुलिस में होने से देवास की तरफ से खेलना शुरू कर दिया। राकेश अपने भाई के पास ही रहते हैं।
नन्हें बच्चों को सिखाई थी बारिकियां
शर्मा और हेरिस ने बताया कि राकेश चूंकि रतलाम से जुड़ाव होने से उन्हें इसी साल ग्रीष्मकाल में लगाए गए नन्हें बच्चों के शिविर में बुलाया गया था। उन्होंने शिविर के दौरान रतलाम के नन्हें बच्चों को इस खेल की बारिकियों से अवगत कराते हुए खेल के महत्व और आगे बढऩे के गुर बताए थे। राकेश खेल चेतना मेला में तीन बार खेले और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी प्राप्त किया।
शर्मा और हेरिस ने बताया कि राकेश चूंकि रतलाम से जुड़ाव होने से उन्हें इसी साल ग्रीष्मकाल में लगाए गए नन्हें बच्चों के शिविर में बुलाया गया था। उन्होंने शिविर के दौरान रतलाम के नन्हें बच्चों को इस खेल की बारिकियों से अवगत कराते हुए खेल के महत्व और आगे बढऩे के गुर बताए थे। राकेश खेल चेतना मेला में तीन बार खेले और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी प्राप्त किया।
बहुत खुशी कि क्लब का खिलाड़ी है राकेश
हमें बहुत खुशी हो रही है कि रतलाम के आशुतोष क्रिकेट क्लब का खिलाड़ी रणजी मैच खेल रहा है। खुशी और ज्यादा इसलिए बढ़ जाती है कि मप्र की टीम ने पहली बार रणजी ट्राफी जीती और इसी टीम का हिस्सा रतलाम से जुड़ा राकेश ठाकुर रहा है।
अनुज शर्मा, कोच आशुतोष क्लब, रतलाम
हमें बहुत खुशी हो रही है कि रतलाम के आशुतोष क्रिकेट क्लब का खिलाड़ी रणजी मैच खेल रहा है। खुशी और ज्यादा इसलिए बढ़ जाती है कि मप्र की टीम ने पहली बार रणजी ट्राफी जीती और इसी टीम का हिस्सा रतलाम से जुड़ा राकेश ठाकुर रहा है।
अनुज शर्मा, कोच आशुतोष क्लब, रतलाम