रतलाम. बहन की शादी में आई दहेज की समस्या ने ऐसी नफ़रत पैदा की, कि एक युवक घर दहलीज को छोड़ सायकल पर सवार होकर देश भ्रमण पर निकल पड़ा, और अब घर और परिवार सिर्फ देश ही है। देश मे फैली कुरीतियो के खिलाफ लोगो को जाग्रत करने के लिये महारास्ट्र का एक व्यक्ति विगत 27 साल से देश भर में साइकल से घूम रहा है।
27 साल में यह व्यक्ति 6 बार पूरा देश सायकिल से घूम चुका है, लेकिन अभी भी यह नही रुका नही है।इसका लक्ष्य केवल दहेज प्रथा के खिलाफ जाग्रत करना और देश मे फैलते नशे से युवाओं को बचाना है। 27 साल से साइकल पर देश मे घूम रहे यह व्यक्ति महाराष्ट्र के भाऊ साहेब है। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए घर भी छोड़ दिया है। वो अपनी यात्रा में हर शहर के बड़े बुजुर्गों से मिलते है और अपनी यात्रा के बारे में बताते है। वह कई प्रदेशों के राज्यपाल ओर मुख्यमंत्री से भी मिल चुके है। आज वह रतलाम पहुंचे तो महू रोड से गुजरते समय कुछ देर के लिए रुके थे। रतलाम से वो मन्दसौर के लिए रवाना हुए मन्दसौर से नीमच हो कर वह राजस्थान में प्रवेश करेंगे।
देश में भ्रमण कर रहा भाऊ साहेब ने बताया कि साइकल से देश में भ्रमण कर रहा हूं। 27 वर्ष पहले ये सिलसिला शुरू हुआ आजतक जारी है। मेरा घर नही है।देश ही मेरा घर है। देश ही मेरा परिवार है। अब तक 6 बार देश भ्रमण कर चुका हूं। में दहेज प्रथा के खिलाफ निकला हूं। मेरी बहन की शादी में दहेज को लेकर समस्या हो गयी थी तब से सोचा की दहेज प्रथा के खिलाफ लोगो को जाग्रत करूँगा। दहेज एक कलंक है। लोग खेती जमीन बेचकर अपनी बेटियों की शादी में दहेज देते है।यह गलत है।