दिसंबर के अंतिम दिन जब्त की गई पांच बसों में से दो बस संचालकों द्वारा विभाग में करीब 2 लाख 20 हजार के करीब टैक्स जमा कराया, जबकि तीन बसें अब भी कार्यालय पर जब्त है। दो पूर्व में जब्त की गई बसें भी टैक्स नहीं जमा कराए जाने के कारण खड़ी है, जबकि अब भी शहर में 15 बसें चल रही, जिन पर कार्रवाई होना बाकि है। परिवहन आयुक्त के निर्देशानुसार 16 नवंबर को उप परिवहन आयुक्त उज्जैन व जिला परिवहन अधिकारी दीपक मांझी द्वारा बगैर टैक्स भरे चल रही 3 बसों को जब्त किया जिन पर 489000 रुपए था। इसके बाद 21 दिसंबर 6 बसों को जब्त कर जिला कार्यालय पर खड़ी करवाई, जिन पर 11 लाख रुपए टैक्स बकाया था। इसके बाद 31 दिसंबर को 5 बसों को जब्त कर परिसर में खड़ा करवाया गया।
रतलाम पब्लिक स्कूल की चार बसें अब भी जिला परिवहन कार्यालय पर जब्त है जो कबाड़ हो रही है। आरटीओ के अनुसार यह बसें छत्तीसगढ़ रजिस्टर गाड़ी है और एमपी की रजिस्टर नहीं है। इसके अलावा एनओसी और बगैर टैक्स के चल रही थी, इसलिए जब्त कर रखी है। इन पर अंतिम कार्रवाई राजसात कर रिकवरी जितनी हो सकती है। बतां दे कि यह बसें पिछले डेढ़-दो साल पूर्व जांच के दौरान बगैर एनओसी और टैक्स के चलते हुए पकड़ाई थी। इसके बाद दो आरटीओ बदल चुके हैं।
पिछले सप्ताह तक 19 लाख रुपए बसों से टैक्स वसूल कर जमा कराया है। 31 दिसंबर को की गई कार्रवाई के दौरान पांच में से दो बस संचालकों द्वारा टैक्स भरा है, इसमें एक ने 51 हजार और दूसरे ने 1 लाख 20 हजार जमा किया है। तीन अब भी कार्यालय में जब्त है। जिले में चल रही 46 में से अब 15 बसों पर 15 लाख के करीब टैक्स बकाया है। कार्रवाई अनवरत जारी है।
दीपक मांझी, जिला परिवहन अधिकारी रतलाम