सूचना प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता सेवाओं में प्रचूरतम उपयोग करने की कोशिश की जा रही है। कंपनी के पोर्टल http://www.mp.wz.co.in पर जाकर दाई ओर तीसरे विकल्प के बतौर मोबाइल नंबर दर्ज कराया जा सकता है। इसके लिए उपभोक्ताओं को बिल पर प्रिंट अपना आईवीआरएस नंबर ही दर्ज करना होगा, उपभोक्ता अपना आधार नंबर भी दर्ज करा सकते है। बिजली कंपनी के अनुसार आगे जाकर हर शासकीय सेवा व कार्यों में मोबाइल नंबर, आधार नंबर अनिवार्य हो रहे है। ऐसे में उपभोक्ताओं का यह सकारात्मक प्रयास न केवल अग्रिम तैयारी के रूप में सफलता दिलाएगा, वहीं उनके कार्यरत नंबर पर आगामी दिवस से ही बिजली संबंधी जरूरी एसएमएस भी आने लगेंगे। ये मैसेज बिल जारी होने, अंतिम तिथि पास आने, अंतिम तिथि के समय के साथ ही बिजली बिल भरने के बाद थैंक्यू के रूप में भी दिए जाते है। साथ ही बिजली कंपनी ऊर्जा मित्र सेवा के माध्यम से मैंटनेंस जैसे कार्य के लिए बिजली बंद रखने की सूचना भी देती है।
अब तक 65 फीसदी नंबर
मप्रपक्षेविविकं के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री सुनील पाटौदी ने बताया कि अब तक करीब 65 फीसदी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर बिजली कंपनी के पास दर्ज हो चुके है। उपभोक्ता बिजली बिल पर भी नंबर लिखकर वितरण केंद्र, जोन पर दे सकते है। इससे ज्यादा आसान उपाय पोर्टल पर दर्ज करने का है। उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने पुराना नंबर बंद कर नया नंबर ले लिया है। वे भी पोर्टल पर नया नंबर दर्ज करा सकते है।
मप्रपक्षेविविकं के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री सुनील पाटौदी ने बताया कि अब तक करीब 65 फीसदी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर बिजली कंपनी के पास दर्ज हो चुके है। उपभोक्ता बिजली बिल पर भी नंबर लिखकर वितरण केंद्र, जोन पर दे सकते है। इससे ज्यादा आसान उपाय पोर्टल पर दर्ज करने का है। उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने पुराना नंबर बंद कर नया नंबर ले लिया है। वे भी पोर्टल पर नया नंबर दर्ज करा सकते है।
मोबाइल नंबर दर्ज करवाने से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अघोषित कटौती होती है तो पंजीयन नंबर से हेल्पलाइन नंबर १९१२ पर तुरंत शिकायत दर्ज व समाधान होगा। इसके अलावा बिल से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध होगी।
अमित तोमर, प्रबंध निदेशक, मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी