मंडी परिसर में लगातार हो रही चोरियां और सुरक्षागार्ड की कमी के चलते मंडी समिति में निर्णय के बाद ३८ के स्थान पर ४५ गार्ड किए गए थे, ताकि परिसर में किसान-व्यापारियों की रखी उपज और सामग्री सुरक्षित रहे। पहले ८ से १० सुरक्षाकर्मी रात्रि में तैनात रहते थे, लेकिन गार्ड बढ़ाने के बाद भी धरातल पर रात्रि में मात्र ५-६ सुरक्षागार्ड ही तैनात थे। मंडी प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते चोरी की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही है।
रतलाम मंडी के आलम ही अलग है, वैसे तो महू-नीमच रोड स्थित कृषि उपज मंडी, सैलाना बस स्टैंड सब्जी मंडी या फिर नामली उप मंडी में सुरक्षा के नाम पर ४५ सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी है। परंतु यहां अधिकांश सुरक्षागार्ड बाबुगिरी करते नजर आते हैं। मंडियों में कई सुरक्षाकर्मी नीलामी करवाते नजर आते हैं तो कोई मंडी गेट पर बैठकर पर्चियां काटता नजर आता है। रात्रि में मात्र ५-६ सुरक्षाकर्मी मंडी परिसर में किसानों की उपज की सुरक्षा के लिए तैनात रहने के बावजूद पहले भी किसान-व्यापारियों की उपज, सामग्री आदि चोरी होती रही और गत रात को कई किसानों के ट्रेक्टरों से सामान चोरी हो गए।
पूर्व में चोरियों की वारदातें बढ़ी थी, किसान और व्यापारियों के आक्रोश का सामना मंंडी प्रशासन को करना पड़ा था। पहले ८-१० गार्ड तैनात रहते थे इसके बावजूद मंडी समिति की बैठक में निर्णय लेकर ३८ के स्थान पर ४५ गार्ड किए गए थे। आज फिर चोरी की घटना घटी और सहायक सचिव द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि रात्रि में मात्र ५-६ गार्ड ही थे, इस पर मंडी प्रशासन को ध्यान देना पड़ेगा और आगामी बैठक में भी इस पर चर्चा की जाएगी।
सुरेंद्रसिंह भाटी, मंडी डायरेक्टर, रतलाम
रात्रि के दौरान मंडी में ६ सुरक्षाकर्मी रात्रि में तैनात थे। सीसीटीवी कैमरे भी लगा रखे हैं, जिसमें एक ट्राली के ऊपर पर किसान रात्रि में सौ रहा था और निचे एक व्यक्ति चोरी करते हुए देखा गया, लेकिन अंधेरे के कारण स्पष्ट नजर नहीं आया। किसानों ने सालाखेड़ी पुलिस चौकी पर सामान चोरी होने का आवेदन दिया है। मंडी प्रशासन रात्रि गश्त बढ़ाकर जिन खम्बों पर लाईट नहीं है वहां हेलोजन लगाने की व्यवस्था कर रही है।
सत्यनारायण गोयल, कृषि उपज मंडी सहायक सचिव, रतलाम