प्रशासन ने इस वर्ष भी जिले में प्राणवायु अभियान के तहत करीब एक लाख ६७,२६८ पौधे लगवाएं थे। इन पौधों की रक्षा के लिए इस बार भी पौध रक्षकों की नियुक्ति की गई है। इनमें से ९४७४१ पौधे सड़क किनारे लगाए गए है, जबकि ७२५४५ पौधें शासकीय भवन व परिसरों में लगाए गए है। पौधों की रक्षा के लिए प्रशासन ने पौध रक्षकों की नियुक्ति तो कर दी, लेकिन यह काफी कम है। इतना ही नहीं इन्हें दी जाने वाली अग्रिम राशि भी अधिकांश को अब तक नहीं मिली है। वहीं जिन्हें यह राशि मिली है, वह भी न के बराबर है।
प्रशासन ने प्रति किलोमीटर में लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए एक पौध रक्षक की नियुक्ति की गई थी, जिन्हें इन पौधों को पशुओं से बचाने व इनमें पानी डालने का काम सौपा गया था। इस काम के लिए मनरेगा के तहत भुगतान किए जाने का प्रावधान था, लेकिन वर्तमान में एक बार शासन से इसके लिए तीन हजार रुपए की अग्रिम राशि मिलने के बाद से अब तक कोई राशि नहीं आई है। वर्तमान में यह राशि बढ़ाकर १४ हजार रुपए कर दी गई है।
प्रशासन ने प्रति किलोमीटर में लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए एक पौध रक्षक की नियुक्ति की गई थी, जिन्हें इन पौधों को पशुओं से बचाने व इनमें पानी डालने का काम सौपा गया था। इस काम के लिए मनरेगा के तहत भुगतान किए जाने का प्रावधान था, लेकिन वर्तमान में एक बार शासन से इसके लिए तीन हजार रुपए की अग्रिम राशि मिलने के बाद से अब तक कोई राशि नहीं आई है। वर्तमान में यह राशि बढ़ाकर १४ हजार रुपए कर दी गई है।
इस अभियान की सराहना मुख्यमंत्री ने की थी। रतलाम में प्राणवायु अभियान की सफलता को देख सीएम ने इसे प्रदेश में रोल मॉडल बनाकर इस वर्ष से पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की बात कहते हुए इस संबंध में निर्देश भी जारी किए थे, लेकिन जिस जिले को सीएम ने रोल मॉडल के रूप में खड़ा किया था। उसी जिले में लगाए गए पौधें दम तोड़ रहे है।
इनका कहना है पौधों की उत्तरजीविता का सत्यापन कराया जा रहा है। इसमें करीब ९० प्रतिशत पौधे जीवित है। सरपंच-सचिवों व पौध रक्षकों की लापरवाही से पूर्व में काफी पौधे नष्ट हो गए थे, उनके स्थान पर नए पौधे लगवाए गए है। पौधों की रक्षा के लिए पौध रक्षकों की नियुक्ति की गई है। शासन से इनके भुगतान की राशि जैसे आ रही है, वैसे ही इनके खातों में जमा कराने का काम भी चल रहा है।
सोमेश मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत, रतलाम
सोमेश मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत, रतलाम