इसके लिए शनिवार को प्रभारी कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ सोमेश मिश्र, आरटीओ जया वासवा व बाजना बीईओ केके पचोरी व जनशिक्षको की बैठक हुई। अब यह प्रस्ताव भोपाल जाएगा। जहां 8 मई को आयुक्त की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद अगले सत्र से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने विभाग को एक बार और गांवों का परीक्षण करने के निर्देश दिए है।
पायलेट प्रोजेक्ट में इन गांवों को लिया बीईओ के अनुसार बाजना ब्लॉक के गांव पालिया जोधपूरा, खाली जोधपूरा, बीटी, हालीपाड़ा चरपोटा व झोली तांबा पांच गांव को चिहिंत किया। इन गांव के करीब 100 बच्चें राजापूरा माताजी में हायर सेकंडरी स्कूल के आते है और इनकी दूरी करीब 8 से 10 किमी है। 5 किमी से अधिक दूरी वाले गांव को देखते हुए इन्हें चिंहित कर छात्र संध्या के हिसाब से प्रस्ताव तैयार कर दिया है। हालांकि सरकारी की और से सायकल मिलती है लेकिन दूरी अधिक होने के कारण अब परिवहन व्यवस्था होगी। इसमें बच्चें स्कूलों में बसांे से आ जा सकंेगे।
दूरी नहीं बनेगी शिक्षा में बाधा
दरअसल अधिक दूरी के कारण कई बच्चें स्कूलों से दूरी बना लेते है। एेसे में सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में निजी स्कूल की तर्ज पर परिवहन को लेकर की गई पहले में जिले के आदिवासी विकासखंड बाजना को शामिल किया है। जहां के 5 गांवांे के 100 बच्चें दूरी तय कर स्कुल पहुंचते है। बाजना के 5 गांवांे के लिए इस पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में लागू किया जाएगा। बसों से सरकारी स्कूलों में बच्चों की आवाजाही तय करने की इस व्यवस्था को सरकार लागू करेंगी। इसमें स्कूल बसों के लिए निर्धारित मापदंडांे के अनुसार इसे चलाया जाएगा। दूरी शिक्षा में बाधक नहीं बने, इसके लिए शासन स्तर से यह पहल हुई है। शनिवार को आरटीओ व शिक्षा विभाग व प्रभारी कलेक्टर के बीच इस मामले को लेकर बैठक हुई। अब प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा। भोपाल से मंजूरी मिलने पर यह व्यवस्था लागू की जाएगी।