रतलाम। हिंदी फिल्मों में भले डाकिए का महत्व बताया गया हो व डाकिया डाक लाया गाना बना हो, लेकिन मध्यप्रदेश में डाकिया डाक लाया की आवाज आना मंगलवार से बंद हो जाएगी। इसकी वजह इन कर्मचारियों का अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाना है। इसके चलते रतलाम के 316 डाक कार्यालयों में कामकाज बंद हो जाएगा। संगठन के नेताओं के अनुसार मध्यप्रदेश में 30 हजार डाक कार्यालयों में तालाबंदी हो जाएगी। बता दे कि रतलाम में 450 व मध्यप्रदेश में ग्रामीण डाक कर्मचारियों की संख्या 70 हजार से अधिक है।
सम्मेलन में तय हुई योजना इसके लिए में रविवार को डाक कर्मचारियों का बड़ा सम्मेलन हुआ। अधिवेशन को संबोधन देते हुए गुप सी के परिमंडल सचिव आरसी चौबे ने कहा कि एक समय था जब हमारे कार्य की वजह से भारतीय फिल्म बनी थी व डाकिया का विशेष महत्व बताया गया था, लेकिन लगातार मेहनत के बाद भी सरकार हमारे विभाग को कमजोर कर रही है। निजीकरण को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे है। इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परिमंडल अध्यक्ष एससी जैन ने कहा कि निजीकरण सरकार विभिन्न विभाग में कर रही है। इसका एक होकर विरोध करना होगा। हम पर कर्मचारियों की कमी होने के बाद भी कार्य को बेहतर करने का दबाव है।
रिपोर्ट लागू कराने पर दबाव जरूरी इस दौरान अधिवेशन में अतिथि जगरुप यादव, अशोक सक्सेना, हेमसिंह ठाकुर आदि ने संबोधन दिया। इस दौरान अतिथियों ने कहा कि ग्रामीण डाक सेवकों के लिए गठित कमलेश चंद्र समिति की रिपोर्ट को लागू करवाना जरूरी है। ये रिपोर्ट जब तक लागू नहीं होगी, तब तक ग्रामीण डाक सेवकों का भला नहीं होगा। आयोजन में सेवानिवृत हुए कर्मचारियों का सम्मान भी किया गया।
22 से बंद होगा डाक वितरण इस दौरान बताया गया कि आगामी 22 मई से ग्रामीण डाक सेवक हड़ताल पर रहेंगे। इनके हड़ताल पर रहने के चलते जिले के सभी गांव में डाक वितरण का कार्य व डाक विभाग से जुड़ा कार्य जमकर प्रभावित होगा। कर्मचारी अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल के लिए जा रहे है। जब तक समिति की रिपोर्ट लागू नहीं होगी, तब तक अब कार्य शुरू नहीं होगा। अधिवेशन में रतलाम, झाबुआ व अलीराजपुर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आयोजन में टीआर मारन, आरएस देवड़ा, जेपी आचार्य, मनोज ढाकरवाल, रोहितसिंह राठौर सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित थे।