ज्योतिषी रावल ने बताया कि बाबा महादेव को महादेवी पार्वती ने कठोर व्रत करके पाया था। ये सभी को पता है कि मां पार्वती ने महादेव को पति के रुप में पाने के लिए कठोर तप किया था। हरतालिका तीज को बड़ी तीज के रुप में इसलिए ही सुहागिने मनाती है। इस शुभ मुहूर्त में इस व्रत में भगवान महादेव व महादेवी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की परेशानी तो दूर होती है साथ ही वें जिनको विवाह में परेशानी आ रही हो उनको महादेव स्वरुप का भोला व सुंदर मन का पति मिलता है।
ज्योतिषी रावल ने बताया कि बाबा महादेव को महादेवी पार्वती ने कठोर व्रत करके पाया था। ये सभी को पता है कि मां पार्वती ने महादेव को पति के रुप में पाने के लिए कठोर तप किया था। हरतालिका तीज को बड़ी तीज के रुप में इसलिए ही सुहागिने मनाती है। इस शुभ मुहूर्त में इस व्रत में भगवान महादेव व महादेवी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की परेशानी तो दूर होती है साथ ही वें जिनको विवाह में परेशानी आ रही हो उनको महादेव स्वरुप का भोला व सुंदर मन का पति मिलता है।
पूरी रात होती है मां व महादेव की पूजा हरतालिका तीज इस बार 12 सितंबर को आ रही है। इस दिन सुबह से व्रत रखा जाता है। शाम को चंद्र उदय के बाद पहली पूजा होती है। पहली पूजा मां व पार्वती का आह्वान करके पंचमेवा, हल्दीख् मेहंदी, दूध, पंचामृत आदि चढ़ाया जाता है। इसके बाद दीपक से आरती आदि करके पहले चरण की पूजा होती है। इसके बाद व्रत का पहला चरण पूरा होता है व प्रसादी आदि ली जाती है। मां पार्वती को इस व्रत में साबुदाने की खीर विशेष रुप से चढ़ाई जाती है। उसी को प्रसादी के रुप में लिया जाता है।
पूरी रात होता है जागरण पहले चरण की पूजा के बाद सुहागिने व लड़कियां व्रत को खोलती है। इसके बाद उपवास में खाने योग्य केले, साबुदाने की खीर आदि का सेवन करती है। इस सेवन के बाद दूसरे चरण की पूजा होती है। दूसरे चरण की पूजा के बाद से लेकर पांचवी व अंतिम चरण की पूजा के दौरान घी व तेल के दिपक को अखंड रखा जाता है। इसके बाद सुबह पूरी पूजन सामग्री को तालाब या नदी में विसर्जन किया जाता है। इसके बाद ही पूजा सामाप्त होती है। रात में भजन आदि होते है।