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रतलाम

मध्यप्रदेश के इस जिले मेंं अतिवृष्टि से 1.44 लाख क्षेत्र में खरीफ फसलों को नुकसान

कलेक्टर ने दिए अधिकारियों को सर्वे के निर्देश

रतलामSep 17, 2019 / 11:02 pm

Gourishankar Jodha

मध्यप्रदेश के इस जिले मेंं अतिवृष्टि से 1.44 लाख क्षेत्र में खरीफ फसलों को नुकसान

मध्यप्रदेश के इस जिले मेंं अतिवृष्टि से 1.44 लाख क्षेत्र में खरीफ फसलों को नुकसान

रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में अतिवृष्टि से 1 लाख 44 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित होना बताया जा रहा है। इसमें जलभराव के साथ ही अफलन, कीटव्याधी से भी फसलों को नुकसान पहुंचा है। बतां दे कि जिले में 2 लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की उत्पादन हो रहा है। जिले में अगस्त एवं 14 सितंबर तक हुई लगातार वर्षा से जलभराव की स्थिति में कीट व्याधि से खरीफ फसलों में विशेष कर सोयाबीन, मक्का, कपास एवं उड़द की फसलों में अत्यधिक हानि हुई है। इस संबंध कलेक्टर रूचिका चौहान ने बीमा कम्पनी को निर्देशित करते हुए बताया कि जिले के अधिकांश किसानों ने विभिन्न माध्यमों से शिकायत दर्ज कराई गई है। फसल बीमा दावा राशि शीघ्र भुगतान करने की मांग की गई है।
कृषि अधिकारियों को कहा खेतों पर जाकर करे सर्वे
कलेक्टर ने कहा कि मप्र शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा 22 जुलाई को मप्र राजपत्र में प्रकाशित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत मौसम खरीफ वर्ष 2019 संबंधी अधिसूचना के अनुसार बुआई से लेकर कटाई तक खड़ी फसल एवं आपदा में जलभराव के कारण फसल में होने वाले नुकसान पर व्यक्तिगत फसल बीमा का लाभ देने का प्रावधान है। नियमानुसार कम्पनी, राजस्व एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकारियों के संयुक्त दल द्वारा रतलाम जिले में क्षति का नमूना सर्वेक्षण सम्पन्न कर एवं पटवारी हल्कावार कार्यवाही पूर्ण कर बीमा क्लेम राशि का निर्धारण किया जाए।
2-3 किमी तक सोयाबीन खेतों में भरा पानी
चोराना के तोफानसिंह सोलंकी ने बताया कि समीपस्थ ग्राम चोराना, बदनारा, कचलाना, चौरानी, सुतरेटी, नोगावा जागीर, कोटड़ी, एवरिया आदि गांवों में लगभग 2 से 3 किमी ऐसा क्षेत्र है जहां पर एक सप्ताह से ज्यादा समय से खेतों में पानी भरा हुआ है। तथा फसलों की स्थिति काफी खराब हो गई है। किसानों में प्रधानमंत्री फसल बीमा को लेकर जागरूकता का अभाव देखा गया, तो शासन स्तर पर भी प्रचार प्रसार की कमी देखी जा रही है। फसल बीमा के नियमों के अन्तर्गत 72 घंटे के अंदर बीमा कम्पनी को मैदानी अमले को सूचना देनी होती है, परंतु किसानों को जानकारी का अभाव है।
कलेक्टर एसपी ने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्र का किया आंकलन
जिले में अतिवृष्टि से प्रभावित जावरा अनुविभाग के गांवों में सोमवार को पुन: कलेक्टर रुचिका चौहान तथा पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी पहुंचे। प्रभावित ग्रामीणों से चर्चा की और ग्रामीणों से कहा कि प्रशासन प्रत्येक जरूरतमंद की मदद करेगा। कलेक्टर तथा एसपी ने ढोढर, पिपलिया जोधा, सरसोंदा, पीपलोदी तथा राणायरा गुर्जर पहुंचकर अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकलन किया। साथ आए शासकीय अमले को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत तत्काल शुरू करने तथा फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए तेजी से कार्य करने की ताकीद की। कलेक्टर चौहान ने ग्राम पिपलौदी में ग्रामीणों के लिए पेयजल व्यवस्था हेतु पानी के टैंकर की व्यवस्था के निर्देश एसडीएम को दिए।
कृषि अधिकारी भी फसलों का ले जायजा

बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान ने उपसंचालक जीएस मोहनिया कृषि को निर्देशित किया कि मात्र विभाग का निचला अमला ही फसलों के लिए खेतों में नहीं जाए बल्कि अधिकारी भी दौरा करें। देखें कि फसलों की क्या स्थिति है। नुकसानी का आकलन करें। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि निचले स्तर पर फसल नुकसानी का जायजा लेने के लिए पटवारी के साथ-साथ कृषि तथा उद्यानिकी विभाग के कर्मचारी भी दल में शामिल किए जाएंगे। दलो द्वारा डेली रिपोर्ट दी जाएगी, विभाग के अधिकारी की रिपोर्ट भी उसके नाम के साथ ली जाएगी, ताकि यह सत्यापित होगा कि अधिकारी भी नुकसानी का जायजा लेने के लिए गए।
अब तक जिले में 62 इंच से अधिक वर्षा
रतलाम। जारी मानसून सत्र में जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 28 इंच से अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है। रतलाम जिले की वार्षिक औसत साढ़े 36 इंच है, लेकिन 16 सितंबर की सुबह 8 बजे तक जिले में लगभग 1560.7 मिलीमीटर (62 इंच से अधिक) वर्षा औसत रूप से दर्ज की जा चुकी है। गत वर्ष इसी अवधि तक 759.9 मिमी (लगभग 34 इंच से अधिक) वर्षा दर्ज की गई थी। सोमवार सुबह समाप्त हुए पिछले 24 घंटों के दौरान आलोट में 40 मिमी, जावरा में 37 मिमी, ताल में 46 मिमी, पिपलौदा में 13 मिमी, बाजना में 12 मिमी, रतलाम में 21 मिमी, रावटी में 34 तथा सैलाना में 10 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
फसल क्षति होने पर किसान बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल करें

अतिवृष्टि से फसल खराब होने पर जिले के किसान बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 180030024088 पर कॉल कर सकते हैं इसके अलावा 7650893705 पर भी कॉल कर सकते हैं। बीमा कंपनी के जिला स्तर पर राजकिशोरसिंह के मोबाइल नंबर 9304196987 पर कॉल कर सकते हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक आलोक जैन ने बताया कि जिले में तहसील स्तरों पर भी नुकसानी की सूचना दी जा सकती है। इसके लिए तहसील रतलाम में 930500 1390, तहसील आलोट में आनंद शुक्ला 8318490738, तहसील बाजना में जगदीश शर्मा 94509 45711, तहसील जावरा में बसंत कुमार 99204 72683, तहसील पिपलोदा में विशालसिंह 89487 20642, तहसील सैलाना में कमलेश यादव 76074 43835, तहसील रावटी में सुरेश जाट 89623 5850 तथा तहसील ताल में विनोद कुमार के मोबाइल नंबर 8839 73308 पर कॉल की जा सकती है।

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