नए आधार कार्ड नि:शुल्क बनाए जाने के संबंध में सरकार ने स्पष्ट आदेश जारी कर रखे है। इसके साथ ही यदि आधार में नाम, उम्र व पते में संशोधन कराना है तो उसके लिए 25 रुपए और बायोमेट्रिक मशीन पर यदि फींगर प्रिंट, आंखों का रेटिना भी अपडेट करना होता है, तो उसके लिए भी 25 रुपए का शुल्क फीस के तौर पर शासन ने तय कर रखा है। वहीं आधार का रंगीन प्रिंट 20 व साधार ब्लैक एडं व्हाइट प्रिंट लेने पर 10 रुपए फीस तय कर रखी है। इसी के अनुसार आधार पंजीयन व अपडेशन का काम होना है, लेकिन बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक बैंक द्वारा पंजीयन शुल्क 35 रुपए लिए जाने सहित अन्य कई तरह के कामों की भी अलग फीस की सूची चर्चा का विषय बनी हुई है।
शहर के 10 बैंकों में बन रहे आधार कार्ड
आधार कार्ड बनाने के लिए शासन ने रतलाम में कलेक्ट्रेट परिसर में एक केंद्र खोल रखा है। इस केंद्र पर दस वर्ष से छोटे बच्चों के आधार बनाने का काम नहीं होता है। इसके अतिरिक्त शहर में स्थित दस बैंकों के साथ डाकघर में भी इसे बनाने की सुविधा है लेकिन यहां पर पंद्रह से अधिक नए कार्ड नहीं बनाए जाते है, जबकि कलेक्ट्रेट परिसर में हर दिन करीब 80 से 90 कार्ड बन रहे है। एेसे में यहां केंद्र पर सुबह से लेकर रात तक लोग अपने नंबर आने का इंतजार करते है, जबकि अन्य सभी केंद्रों पर एक तय समय के बाद चुनिंदा कार्ड के बाद अतिरिक्त कार्ड नहीं बनाए जाते है।
आधार कार्ड बनाने के लिए शासन ने रतलाम में कलेक्ट्रेट परिसर में एक केंद्र खोल रखा है। इस केंद्र पर दस वर्ष से छोटे बच्चों के आधार बनाने का काम नहीं होता है। इसके अतिरिक्त शहर में स्थित दस बैंकों के साथ डाकघर में भी इसे बनाने की सुविधा है लेकिन यहां पर पंद्रह से अधिक नए कार्ड नहीं बनाए जाते है, जबकि कलेक्ट्रेट परिसर में हर दिन करीब 80 से 90 कार्ड बन रहे है। एेसे में यहां केंद्र पर सुबह से लेकर रात तक लोग अपने नंबर आने का इंतजार करते है, जबकि अन्य सभी केंद्रों पर एक तय समय के बाद चुनिंदा कार्ड के बाद अतिरिक्त कार्ड नहीं बनाए जाते है।
बैंककर्मी के व्यवहार से भी आहत लोग
इन दिनों स्कूलों में बच्चों के प्रवेश हुए है, जिसके लिए स्कूलों द्वारा बच्चों के आधार कार्ड बुलवाए गए है। इसी कारण से कई लोग बच्चों के नए आधार बनवाने तो कुछ उनमें नाम, पते, उम्र में सुधार के लिए चक्कर काट रहे है, लेकिन एक जगह भीड़ होने व अन्य जगह मनमानी के चलते लोग बच्चों को लोग परेशानी झेल रहे है। बैंकों में जाकर यदि कोई किसी से कुछ कहता भी है, तो उसके साथ बैंककर्मियों का व्यवहार ठीक नहीं होता है।
इन दिनों स्कूलों में बच्चों के प्रवेश हुए है, जिसके लिए स्कूलों द्वारा बच्चों के आधार कार्ड बुलवाए गए है। इसी कारण से कई लोग बच्चों के नए आधार बनवाने तो कुछ उनमें नाम, पते, उम्र में सुधार के लिए चक्कर काट रहे है, लेकिन एक जगह भीड़ होने व अन्य जगह मनमानी के चलते लोग बच्चों को लोग परेशानी झेल रहे है। बैंकों में जाकर यदि कोई किसी से कुछ कहता भी है, तो उसके साथ बैंककर्मियों का व्यवहार ठीक नहीं होता है।
यहां भी बनते है आधार
– पंजाब नेशनल बैंक, अलकापुरी- बैंक ऑफ इंडिया, कृषि उपज मंडी
– स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कस्तूरबा नगर- कैनरा बैंक, पावर हाउस रोड
– यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, लक्कड़पीठा रोड
– एक्सीस बैंक, दो बत्ती- आईसीआईसी बैंक, कन्या महाविद्यालय के पास
– इंडसलैंड बैंक, रतलाम
– बैंक ऑफ बड़ौदा, दो बत्ती
– आधार केंद्र सूरजपोर
– सैलाना बस स्टैंड, डाकघर
दस से ज्यादा नहीं बनाते
– पत्नी व पुत्र का आधार कार्ड में पता बदलवाना है, कलेक्ट्रेट स्थित आधार केंद्र पर सुबह आया था, शाम होने को है पर नंबर नहीं आया है। यहां तो 50 से अधिक टोकन देकर काम कर रहे है, लेकिन बैंक व डाकघर में दस से अधिक नहीं बनते है। इस कारण से यहां आना पड़ा है।
कैलाश प्रजापत, आेसवाल नगर
– पंजाब नेशनल बैंक, अलकापुरी- बैंक ऑफ इंडिया, कृषि उपज मंडी
– स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कस्तूरबा नगर- कैनरा बैंक, पावर हाउस रोड
– यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, लक्कड़पीठा रोड
– एक्सीस बैंक, दो बत्ती- आईसीआईसी बैंक, कन्या महाविद्यालय के पास
– इंडसलैंड बैंक, रतलाम
– बैंक ऑफ बड़ौदा, दो बत्ती
– आधार केंद्र सूरजपोर
– सैलाना बस स्टैंड, डाकघर
दस से ज्यादा नहीं बनाते
– पत्नी व पुत्र का आधार कार्ड में पता बदलवाना है, कलेक्ट्रेट स्थित आधार केंद्र पर सुबह आया था, शाम होने को है पर नंबर नहीं आया है। यहां तो 50 से अधिक टोकन देकर काम कर रहे है, लेकिन बैंक व डाकघर में दस से अधिक नहीं बनते है। इस कारण से यहां आना पड़ा है।
कैलाश प्रजापत, आेसवाल नगर
बैंकों पर नहीं नियंत्रण
– बैंकों में आधार की मनमानी से जुड़ी शिकायतें लगातार मिल रही है। कई बार उन्हे इसके बारे में अवगत भी कराया गया है, लेकिन वह हमारी नहीं सुनती है। उन पर हमारा नियंत्रण नहीं होने से हम उन पर कार्रवाई भी नहीं कर सकते है। ये बात सही है कि वहां पर गिनती के आधार से ज्यादा नहीं बनाए जा रहे है, जिससे लोग परेशान हो रहे है।
बीके पाटीदार, आधार प्रबंधक
– बैंकों में आधार की मनमानी से जुड़ी शिकायतें लगातार मिल रही है। कई बार उन्हे इसके बारे में अवगत भी कराया गया है, लेकिन वह हमारी नहीं सुनती है। उन पर हमारा नियंत्रण नहीं होने से हम उन पर कार्रवाई भी नहीं कर सकते है। ये बात सही है कि वहां पर गिनती के आधार से ज्यादा नहीं बनाए जा रहे है, जिससे लोग परेशान हो रहे है।
बीके पाटीदार, आधार प्रबंधक