लंबे समय से रेलवे बोर्ड को शिकायत मिल रही थी की यात्री ट्रेनों व प्लेटफॉर्म पर बने केंटीन में रेल पुलिस व आरपीएफ फ्री में खाती है, लेकिन जब बारी रुपए देने की आती है तो दबाव बनाने के लिए अवैध हॉकर का प्रकरण बना देती है। पुलिस के झंझट से बचने के लिए स्टॉल संचालक से लेकर पैंट्रीकार संचालक भी एेसे मामलों में चुप रहते है।
विगत दिनों १२३१३ नंबर की राजधानी ट्रेन में पैंट्रीकार संचालक का आरपीएफ जवान से विवाद हो गया था। बताया जाता है कि विवाद का वीडिया बनाकर किसी यात्री ने रेलवे को ट्वीट कर दिया। विवाद के दौरान आरपीएफ जवान को खाना नहीं देने पर उसको पीट दिया गया था। इसके बाद ही इस मामले में सख्ती की गई है।
ये जारी किया आदेश इसके बाद रेलवे बोर्ड के कैटरिंग विभाग ने आदेश जारी किया की इस प्रकार से कोई फ्री में भोजन नहीं लेगा। बल्कि ड्यूटी के समय अपने साथ भोजन लेकर चढेग़ा। न तो मुफ्त में भोजन की मांग करेगा, न लेगा। इस प्रकार की जानकारी आई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद मंडल में हडकंप है, क्योकि सुबह बांद्रा से आने वाली अवध ट्रेन के दौरान अधिकतर जवान फ्री में चाय-नाश्ता करते नजर आते है। अब एेसे जवानों में हड़कंप है।
सख्ती से पालन कराया जाएगा बोर्ड के इस आदेश का सख्ती से पालन कराया जाएगा। कोई एेसा करता है तो इस बारे में हेल्पलाइन नंबर १८२ पर शिकायत की जाए।
– कुमार निशांत, मंडल सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल