रेलवे में कई यात्री ट्रेन का ठहराव बिते कुछ वर्षो में रतलाम रेलवे स्टेशन पर दिया है, लेकिन अब तक आठ यात्री ट्रेन के ठहराव की मांग कायम है। इनके ठहराव की मांग को लेकर मंडल रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति सदस्य कई बार अलग-अलग बैठक में आवाज उठा चुके है, लेकिन हर बार सिर्फ भरोसा दिया जा रहा है। रेलवे का नियम है कि जिस स्टेशन से 12 हजार रुपए मासिक आय नहीं हो, या 12 हजार रुपए के यात्री टिकट की बिक्री नहीं हो, वहां ट्रेन का ठहराव नहीं होता है, लेकिन राजधानी एक्सपे्रस ट्रेन के छोटे स्टेशन पर हाल में किए गए ठहराव में इस नियम को दरकिनार कर दिया गया। ऐसे में रतलाम के साथ रेलवे भेदभाव करती ही नजर आ रही है।
इनके ठहराव की है जरुरत
ट्रेन नंबर 12217-18 कोचुवेली – चंडीगढ़ – कोचुवेली
ट्रेन नंबर 12843-84 अमृतसर – कोचुवेली – अमृतसर
ट्रेन नंबर 22659-60 देहरादुन – कोचुचेली – देहरादुन
ट्रेन नंबर 12449-50 चंडीगढ़ – मडगांव – चंडीगढ़
ट्रेन नंबर 12217-18 कोचुवेली – चंडीगढ़ – कोचुवेली
ट्रेन नंबर 12843-84 अमृतसर – कोचुवेली – अमृतसर
ट्रेन नंबर 22659-60 देहरादुन – कोचुचेली – देहरादुन
ट्रेन नंबर 12449-50 चंडीगढ़ – मडगांव – चंडीगढ़
इस तरह मिलेगा लाभ
असल में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर तो है ही इसके साथ साथ होजियारी का बड़ा बाजार भी है। इसके अलावा चंडीगढ़ में चिकित्सा की आधुनिक सुविधाएं भी है। इतना ही नहीं देहरादुन वाली ट्रेन का ठहराव मिले तो यात्रियों को उत्तराखंड में पर्यटन के लिए जाने को अतिरिक्त ट्रेन का लाभ मिलेगा। इसके अलावा मडगांव ट्रेन के ठहराव से गोवा जाने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा रेलवे को भी राजस्व की बढ़ोतरी होगी।
असल में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर तो है ही इसके साथ साथ होजियारी का बड़ा बाजार भी है। इसके अलावा चंडीगढ़ में चिकित्सा की आधुनिक सुविधाएं भी है। इतना ही नहीं देहरादुन वाली ट्रेन का ठहराव मिले तो यात्रियों को उत्तराखंड में पर्यटन के लिए जाने को अतिरिक्त ट्रेन का लाभ मिलेगा। इसके अलावा मडगांव ट्रेन के ठहराव से गोवा जाने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा रेलवे को भी राजस्व की बढ़ोतरी होगी।
हर बार मात्र भरोसा
ऐसा भी नहीं है कि रेलवे ने इसके लिए मंडल स्तर पर प्रयास नहीं किए है। मंडल के वाणिज्य विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार सितंबर माह में इन ट्रेन के ठहराव को लेकर प्रस्ताव बनाकर भेजे गए, लेकिन अब तक दबाव बनाने में कमी के चलते सफलता नहीं मिल पाई। ऐसे में अब भी ट्रेन यातायात की दृष्टि से तो रुकती है, लेकिन वाणिज्यिक ठहराव नहीं होने से यात्रियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है।
ऐसा भी नहीं है कि रेलवे ने इसके लिए मंडल स्तर पर प्रयास नहीं किए है। मंडल के वाणिज्य विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार सितंबर माह में इन ट्रेन के ठहराव को लेकर प्रस्ताव बनाकर भेजे गए, लेकिन अब तक दबाव बनाने में कमी के चलते सफलता नहीं मिल पाई। ऐसे में अब भी ट्रेन यातायात की दृष्टि से तो रुकती है, लेकिन वाणिज्यिक ठहराव नहीं होने से यात्रियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है।
सिर्फ आश्वासन मिलता है
रेलवे से जब भी कोई मांग होती है, सिर्फ कोरा आश्वासन मिलता है। इनके पास रटारटाया बहाना रहता है। कभी कहते है प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं है तो कभी कहते है निर्णय होना शेष है।
रेलवे से जब भी कोई मांग होती है, सिर्फ कोरा आश्वासन मिलता है। इनके पास रटारटाया बहाना रहता है। कभी कहते है प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं है तो कभी कहते है निर्णय होना शेष है।
– प्रमोद भंडारी, रेलवे एक्टिविस्ट
प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है
जिन ट्रेन का ठहराव नहीं है व मांग की जा रही है, इनके ठहराव के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजे गए है। अंतिम निर्णय मुख्यालय से होगा।
– खेमराज मीणा, मंडल रेलवे प्रवक्ता