नोलाईपुरा स्थानक में प्रवर्तकश्री जिनेंद्र मुनि ने कहा कि सारी प्रतिकूलता में कोई कुछ भी निर्णय ले सकता है, लेकिन सारी अनुकुलताएं होते हुए संयम मार्ग पर चलने का निर्णय वीरता का परिचायक है। पंचम काल में साधु बनने वाले इंसान को महान बताया गया है। इस मौके पर मुमुक्षु दंपत्ति के पुत्र सौरभ मूणत ने भावपूर्ण विचार रखे। उन्होंने माता-पिता को संयमी जीवन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। पुत्री शिल्पा पिरोदिया ने मार्मिक स्तवन प्रस्तुत किया। धर्मसभा का संचालन विरेंद्र मेहता ने किया। इस दौरान समाज की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकागण उपस्थित थे।
सौभाग्य जैन नवयुवक मंडल के पूर्व अध्यक्ष सौरभ मूणत ने बताया कि मालव केसरी सौभाग्यमल महाराज, आचार्य प्रवरश्री उमेश मुनि एवं श्रमण संघीय प्रवर्तकश्री प्रकाशमुनि के आशीर्वाद से उनके पिता अमृत मूणत एवं माता किरण मूणत 16 अप्रैल को प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनि मसा के के मुखारविंद से जैन भागवती दीक्षा अंगीकार करेंगे। दीक्षा महोत्सव श्री गोपाल गौशाला कालोनी स्थित श्री सौभाग्य अणु वाटिका में सुबह 8.45 बजे होगा। इससे पहले सुबह 7.30 बजे नागर वास से महाभिनिष्क्रमण यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने धर्मप्रेमी नागरिको से इस अवसर पर अधिक से अधिक उपस्थित रहने का आग्रह किया है।