आखिरी दर्शन के लिए उमड़ा पड़ा शहर
शहर के रिद्धि सिद्धि कॉलोनी से शुरूआत के बाद अंतिम यात्रा कस्तूरबा नगर, रामंदिर, सैलाना रोड बस स्टैंड, शहीद चौक, धानमंडी, रानीजी का मंदिर, तोपखाना, चांदनी चौक से त्रिपोलिया गेट होकर त्रिवेणी मुक्तिधाम तक पहुंची। पूरे रास्ते नागरिकों का हुजूम लगा रहा। बड़ी संख्या में नागरिकों ने पुष्प अर्पित कर अपने लाडले कमांडर को विदाई दी। इसके पूर्व रास्ते में जगह जगह कॉलोनियों में घरों के ऊपर से भी वाहन पर पुष्प बरसाए।
शहर के रिद्धि सिद्धि कॉलोनी से शुरूआत के बाद अंतिम यात्रा कस्तूरबा नगर, रामंदिर, सैलाना रोड बस स्टैंड, शहीद चौक, धानमंडी, रानीजी का मंदिर, तोपखाना, चांदनी चौक से त्रिपोलिया गेट होकर त्रिवेणी मुक्तिधाम तक पहुंची। पूरे रास्ते नागरिकों का हुजूम लगा रहा। बड़ी संख्या में नागरिकों ने पुष्प अर्पित कर अपने लाडले कमांडर को विदाई दी। इसके पूर्व रास्ते में जगह जगह कॉलोनियों में घरों के ऊपर से भी वाहन पर पुष्प बरसाए।
मां ने दी सलामी, बहादुर बेटे को देखने उमड़े लोग
अंतिम यात्रा के दौरान चौहान देह के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में नागरिक उमड़ पड़े। सुबह ६ बजे सेना और पुलिस ने होने वाले अंतिम संस्कार और अंतिम यात्रा रूट का निरीक्षण किया व व्यवस्थाओं के संबंध में निर्देश दिए। 7 बजे देह को जिला अस्पताल से उनके निवास की ओर रवाना किया गया। जैसे ही वाहन घर के बाहर पहुंचा मां टीमा कुंवर ने बहादुर बेटे को सलामी दी तो पत्नी करूणासिंह और बहन का साहस देखते ही बन रहा है। परिवार के पुष्प अर्पित किए इसके बाद अंतिम यात्रा की शुरूआत की गई।
अंतिम यात्रा के दौरान चौहान देह के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में नागरिक उमड़ पड़े। सुबह ६ बजे सेना और पुलिस ने होने वाले अंतिम संस्कार और अंतिम यात्रा रूट का निरीक्षण किया व व्यवस्थाओं के संबंध में निर्देश दिए। 7 बजे देह को जिला अस्पताल से उनके निवास की ओर रवाना किया गया। जैसे ही वाहन घर के बाहर पहुंचा मां टीमा कुंवर ने बहादुर बेटे को सलामी दी तो पत्नी करूणासिंह और बहन का साहस देखते ही बन रहा है। परिवार के पुष्प अर्पित किए इसके बाद अंतिम यात्रा की शुरूआत की गई।