समारोह में श्री साधुमार्गी जैन संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उमरावसिंह ओस्तवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजमल पंवार एवं सुरेंद्र दस्साणी अतिथि रहे। उनके साथ स्वागताध्यक्ष हिम्मत कोठारी, चातुर्मास संयोजक महेन्द्र गादिया, श्रीसंघ अध्यक्ष मदनलाल कटारिया भी मंचासीन रहे। मंचासीन अतिथियों के उद्बोधन के बाद नगर के मासक्षमण एवं इससे अधिक तप आराधना करने वाले 180 से अधिक तपस्वियों एवं दया का मासक्षमण करने वाले 30 तपस्वियों का बहुमान किया गया। इन तपस्वियों में 128 तपस्वी भाई-बहनों ने आचार्यश्री की प्रेरणा से अपनी तप आराधना संपन्न की।
मंगलाचरण से आरंभ
समारोह में युवा संघ अध्यक्ष राहुल जैन, मंत्री अजय घोटा, महिला मंडल अध्यक्ष सरोजबेन पिरोदिया, मंत्री वीणा डाबरिया, बहू मंडल अध्यक्ष प्रियंका कोठारी, मंत्री सोनाली गौरेचा, बालक मंडल अध्यक्ष अंकित लसोड़, मंत्री नमिष पिरोदिया, बालिका मंडल अध्यक्ष दिव्या मूणत, मंत्री रिद्धि नागौरी एवं साक्षी देवड़ा सहित सभी सदस्याओं ने तपस्वियों का अभिनंदन किया। आरंभ में महिला मंडल ने मंगलाचरण किया। बहूमंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संचालन विनोद मेहता एवं शिल्पा श्रीमाल ने किया। आभार श्री संघ के मंत्री सुशील गौरेचा ने माना।
समारोह में युवा संघ अध्यक्ष राहुल जैन, मंत्री अजय घोटा, महिला मंडल अध्यक्ष सरोजबेन पिरोदिया, मंत्री वीणा डाबरिया, बहू मंडल अध्यक्ष प्रियंका कोठारी, मंत्री सोनाली गौरेचा, बालक मंडल अध्यक्ष अंकित लसोड़, मंत्री नमिष पिरोदिया, बालिका मंडल अध्यक्ष दिव्या मूणत, मंत्री रिद्धि नागौरी एवं साक्षी देवड़ा सहित सभी सदस्याओं ने तपस्वियों का अभिनंदन किया। आरंभ में महिला मंडल ने मंगलाचरण किया। बहूमंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संचालन विनोद मेहता एवं शिल्पा श्रीमाल ने किया। आभार श्री संघ के मंत्री सुशील गौरेचा ने माना।
क्रोध, लोभ, मोह पर विजय पा लो-आचार्यश्री
तपस्वी बहुमान समारोह से पूर्व सुबह समता कुंज में अमृत देशना देते हुए आचार्यश्री रामेश ने कहा कि क्रोध, लोभ, मोह धर्म से हटाने वाले है। धर्म की आराधना के लिए इनका त्याग जरूरी है। इन तीनों पर जो विजय पा लेता है, वह मन को जीत लेता है। धर्म आराधना से मन सुदृढ़ होता है। उन्होंने कहा सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह में धर्म है। इनका अनुसरण मनुष्य को मजबूत बनाता है। प्रशममुनिश्री, गोतममुनिश्री ने भी संबोधित किया। इस मौके पर महासती प्रीतीसुधाश्री ने 33 उपवास, रामगोपाल पंवार, पंकज पटवा ने 32, खुश्बु कटारिया ने 33 तथा मोनिका चिप्पड़ ने 54 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। संचालन सुशील गौरेचा ने किया। इस दौरान देश के विभिन्न स्थानों से आए गुरूभक्त उपस्थित थे
तपस्वी बहुमान समारोह से पूर्व सुबह समता कुंज में अमृत देशना देते हुए आचार्यश्री रामेश ने कहा कि क्रोध, लोभ, मोह धर्म से हटाने वाले है। धर्म की आराधना के लिए इनका त्याग जरूरी है। इन तीनों पर जो विजय पा लेता है, वह मन को जीत लेता है। धर्म आराधना से मन सुदृढ़ होता है। उन्होंने कहा सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह में धर्म है। इनका अनुसरण मनुष्य को मजबूत बनाता है। प्रशममुनिश्री, गोतममुनिश्री ने भी संबोधित किया। इस मौके पर महासती प्रीतीसुधाश्री ने 33 उपवास, रामगोपाल पंवार, पंकज पटवा ने 32, खुश्बु कटारिया ने 33 तथा मोनिका चिप्पड़ ने 54 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। संचालन सुशील गौरेचा ने किया। इस दौरान देश के विभिन्न स्थानों से आए गुरूभक्त उपस्थित थे