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फ्लैट भावांतर भुगतान योजना, मंडी में नहीं मिले किसानों को यूनिक आईडी नंबर

फ्लैट भावांतर भुगतान योजना, मंडी में नहीं मिले किसानों को यूनिक आईडी नंबर

रतलामOct 21, 2018 / 12:42 pm

Gourishankar Jodha

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फ्लैट भावांतर भुगतान योजना, मंडी में नहीं मिले किसानों को यूनिक आईडी नंबर

रतलाम। सोयाबीन-मक्का की खरीदी फ्लैट भावांतर भुगतान योजना की शुरुआत 20 अक्टूबर से हुई तो सही, लेकिन प्रथम दिन ही किसानों को यूनिक आईडी नंबर नहीं मिलने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आखिरकार मंडी प्रशासन ने वरिष्ठालय को अवगत कराकर पुराने तरीके से ही नीलामी प्रक्रिया शुरू की और किसानों से पंजीयन क्रमांक लेकर संतुष्ट किया। इसी कारण शनिवार को महू-नीमच रोड स्थित कृषि उपज मंडी में नीलाम 12.30 बजे करीब एक से डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुआ। सुबह 20-22 किसानों के यूनिक आईडी नंबर दर्ज होने के बाद सर्वर जाम हो गया, जिससे किसानों की मंडी गेट पर कतार लग गई। तुरत-फुरत मंडी प्रशासन ने किसानों से पंजीयन क्रमांक लेकर नीलामी प्रक्रिया शुरू करवाई, तब जाकर किसान संतुष्ट हुए।
प्रथम दिन करीब 4572 क्विंटल सोयाबीन की आवक रही, जो 2950 से 3200 रुपए क्विंटल के भाव खरीदा गया और 3055 रुपए प्रति क्विंटल मॉडल भाव रहा। इसी प्रकार मक्का 5 क्विंटल आई जो 1226 रुपए क्विंटल के भाव नीलाम हुई। कृषि उपज मंडी सचिव एमएल बारसे ने बताया कि नियमानुसार बगैर यूनिक आईडी नंबर प्राप्त पंजीयन नहीं होगा। एक वाहन में एक से अधिक कृषकों की उपज होने पर अलग-अलग कृषकों द्वारा यूनिक आईडी नंबर अलग-अलग प्राप्त करना होगा। सुबह कुछ किसानों के पंजीयन हुए इसके बाद सर्वर जाम हो गया था, इसके बाद वरिष्ठालय को अवगत कराकर किसानों के पंजीयन क्रमांक लेकर दस्तावेज जमा किए।
ये आ रही परेशानी
फ्लैट भावांतर भुगतान योजनाअन्तर्गत की शुरुआज २० अक्टूबर से हो गई, उपज लेकर किसान मंडी पहुंच रहा है, लेकिन पंजीयन के दौरान कई किसान नवीन ट्रैक्टर लेकर उनके नंबर नहीं है। इसी प्रकार किसान के स्थान पर वाहन चालक मंडी उपज लेकर पहुंच रहे हैं, तो किसी के पास मोबाईल नहीं था तो किसी के पास पूर्ण रूप से दस्तावेज नहीं मिले, जो लेकर आए तो सर्वर जाम हो गया। ऐसे किसानों के भी पंजीयन में परेशानी आ रही है जिनकी फसलें सत्यापित नहीं हुई है।
नियमों की गलफत, किसानों को थमाएं 10 हजार
नियमों की गलफत के चक्कर में कई किसानों को व्यापारियों द्वारा 10 हजार रुपए नगद देकर रवाना किया गया, बाकि के आरटीजीएस और एनईएफटी करने को कहा, जिससे नाराज किसान शिकायत लेकर मंडी कार्यालय पहुंचे। जहां से सचिव ने व्यापारियों को नियम बताए कि फ्लैट भावांतर प्रोत्साहन राशि के लिए भुगतान प्राप्त करने के लिए अनिवार्य होगा कि पंजीकृत किसान द्वारा विक्रय की गई मात्रा की 50 प्रतिशत राशि या रु.10000 दो नो में से जो भी कम हो क्रय कर्ता लायसेंसी व्यापारी द्वारा आरटीजीएस/ एनईएफटी से आवश्यक रूप से भुगतान किया जाएगा। इसके बाद व्यापारियों ने भुगतान किया।
आवक बढ़ेंगी तो परेशानी आएगी
सर्वर जाम होने के कारण नीलाम देरी से शुरू हुआ, शनिवार के कारण आवक कम थी। सोमवार से आवक बढ़ेगी और यह स्थिति यहीं रही तो परेशानी आएगी। आज ही 150 ट्राली में 3 बज गई, 400-500 ट्राली आएगी तो कब नीलाम होगा। कर्मचारियों कमी बता रहे हैं, जबकि एक उपज की नीलामी में चार कर्मचारी लगते है, यही स्थिति रही तो नीलाम और लेट होगा।
मनोज जैन, व्यापारी
कृषि उपज मंडी रतलाम
मंूग-उड़द के मैसेज नहीं पहुंचे किसानों के पास
रतलाम। मंूग और उड़द की भी 2 अक्टूबर से खरीदी जिले के सात केंद्रों पर शुरू होना थी, लेकिन नहीं हुई। जिन किसानों ने पंजीयन करा रखे थे उन्हे मैसेज जाने थे, लेकिन नहीं पहुंचे। सोसायटियों के माध्यम से खरीदी की जाकर आरटीजीएस से तुलाई के दूसरे दिन भुगतान किसानों के बैंक खातों में जमा होगा। दो केंद्र करमदी वेयर हाउस पर बनाए गए है, मार्केटिंग जावरा, पिपलौदा, मार्केटिंग सैलाना, विपणन संस्था आलोट, प्राथमिक सहकारी संस्था ताल में खरीदी की जाएगी। सक्सेना बताया कि जिले में मंूग-उड़द की खरीदी 20 अक्टूबर से शुरू है, सात केंद्र बनाए गए है। दो रतलाम के करमदी वेयर हाउस और जावरा, सैलाना, ताल, आलोट, पिपलौदा में बनाए गए। गोडाउन स्तर पर केंद्र बनाए है, जहां पर सरकारी खरीदारी की जाएगी। एसएमएस अभी गए नहीं है, केंद्र निर्धारित कर दिए है।

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