फ्लैट भावांतर भुगतान योजनाअन्तर्गत की शुरुआज २० अक्टूबर से हो गई, उपज लेकर किसान मंडी पहुंच रहा है, लेकिन पंजीयन के दौरान कई किसान नवीन ट्रैक्टर लेकर उनके नंबर नहीं है। इसी प्रकार किसान के स्थान पर वाहन चालक मंडी उपज लेकर पहुंच रहे हैं, तो किसी के पास मोबाईल नहीं था तो किसी के पास पूर्ण रूप से दस्तावेज नहीं मिले, जो लेकर आए तो सर्वर जाम हो गया। ऐसे किसानों के भी पंजीयन में परेशानी आ रही है जिनकी फसलें सत्यापित नहीं हुई है।
नियमों की गलफत के चक्कर में कई किसानों को व्यापारियों द्वारा 10 हजार रुपए नगद देकर रवाना किया गया, बाकि के आरटीजीएस और एनईएफटी करने को कहा, जिससे नाराज किसान शिकायत लेकर मंडी कार्यालय पहुंचे। जहां से सचिव ने व्यापारियों को नियम बताए कि फ्लैट भावांतर प्रोत्साहन राशि के लिए भुगतान प्राप्त करने के लिए अनिवार्य होगा कि पंजीकृत किसान द्वारा विक्रय की गई मात्रा की 50 प्रतिशत राशि या रु.10000 दो नो में से जो भी कम हो क्रय कर्ता लायसेंसी व्यापारी द्वारा आरटीजीएस/ एनईएफटी से आवश्यक रूप से भुगतान किया जाएगा। इसके बाद व्यापारियों ने भुगतान किया।
सर्वर जाम होने के कारण नीलाम देरी से शुरू हुआ, शनिवार के कारण आवक कम थी। सोमवार से आवक बढ़ेगी और यह स्थिति यहीं रही तो परेशानी आएगी। आज ही 150 ट्राली में 3 बज गई, 400-500 ट्राली आएगी तो कब नीलाम होगा। कर्मचारियों कमी बता रहे हैं, जबकि एक उपज की नीलामी में चार कर्मचारी लगते है, यही स्थिति रही तो नीलाम और लेट होगा।
मनोज जैन, व्यापारी
कृषि उपज मंडी रतलाम
रतलाम। मंूग और उड़द की भी 2 अक्टूबर से खरीदी जिले के सात केंद्रों पर शुरू होना थी, लेकिन नहीं हुई। जिन किसानों ने पंजीयन करा रखे थे उन्हे मैसेज जाने थे, लेकिन नहीं पहुंचे। सोसायटियों के माध्यम से खरीदी की जाकर आरटीजीएस से तुलाई के दूसरे दिन भुगतान किसानों के बैंक खातों में जमा होगा। दो केंद्र करमदी वेयर हाउस पर बनाए गए है, मार्केटिंग जावरा, पिपलौदा, मार्केटिंग सैलाना, विपणन संस्था आलोट, प्राथमिक सहकारी संस्था ताल में खरीदी की जाएगी। सक्सेना बताया कि जिले में मंूग-उड़द की खरीदी 20 अक्टूबर से शुरू है, सात केंद्र बनाए गए है। दो रतलाम के करमदी वेयर हाउस और जावरा, सैलाना, ताल, आलोट, पिपलौदा में बनाए गए। गोडाउन स्तर पर केंद्र बनाए है, जहां पर सरकारी खरीदारी की जाएगी। एसएमएस अभी गए नहीं है, केंद्र निर्धारित कर दिए है।