माता मंदिर पर शृंगार के लिए भक्तों की तीन अलग-अलग समय पर शृंगार धन लेकर कतार लगे श्रद्धालु मंदिर पहुंचने लगा, देर रात तक करीब 2000 से अधिक भक्त मंदिर पर शृंगार सामग्री लेकर पहुंच चुके थे। इसमें सबसे अधिक महिलाएं शामिल थी। सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत 9 सीसीटीवी कैमरे मंदिर परिसर के अलग-अलग क्षेत्रों में लगाए जा चुके हैं, ताकि सभी पर कैमरे की नजर रहे। कुबेर खजाना लेने के लिए सुबह 8.30 से 9.30 बजे रहेगा, दोपहर 2 से शाम 4 बजे और रात 9 से 11 बजे तक मंदिर पर भीड़ लगने लगी है।
शहर के शासकीय मंदिरों पर दानपात्र शीघ्र ही बदले जाकर नवीन स्टील के दानपात्र लगेंगे, ताकि श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में चढ़ाई जा रही दान राशि सुरक्षित रहे। इन दानपात्रों पर पुजारी थाली नहीं रख सकेंगे और ना ही इसमें पूजन सामग्री के साथ अगरबत्ती के गुल गिरेंगे। दीपोत्सव के पूर्व सबसे पहले महालक्ष्मी मंदिर पर नवीन दानपात्र लगाया जाएगा, इसके बाद कालिका माता मंदिर के भी दानपात्र बदले जाएंगे। दानपात्र बनाने के लिए नाप कारीगर ने ले लिया है और दो-तीन दिन में मंदिर परिसर में लग भी जाएगा। इस संबंध में बुधवार शाम को कलेक्टर ने भी तहसीलदार गोपाल सोनी से इस संबंध में चर्चा की जिस पर उन्होंने शीघ्र ही नवीन दानपात्र लगाने की बात कही। नाजीर ईश्वरलाल खराड़ी ने बताया कि कारीगर स्टील के दानपात्र तैयार कर रहा है। त्योहार को देखते हुए सबसे पहले माणकचौक महालक्ष्मी मंदिर लगाया जाएगा। इस पर ना ता पूजन थाली रखी जा सकेंगे और ना ही दान राशि नुकसान पहुंचेंगे। चिंताहरण गणपति मंदिर पर लगा दानपात्र के जैसा आकार दिया जाएगा।