रतलाम। लोकसभा चुनाव आते ही जनप्रतिनिधियों को किसानों की भी याद आने लगी, लेकिन जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी अब तक पूरी नहीं कर पाए। इस कारण अन्नदाता उपज लेकर अब भी भटक रहा है। मामला ये है कि खरीदी तिथि तक जिला अधिकारियों ने समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाली उपज चना, सरसो और मसूर के केंद्र तक स्थापित नहीं किए।
पत्रिका ने 26 मार्च के अंक में ‘समर्थन मूल्य खरीदी में असंमजस शीर्षक से खबर प्रकाशित कर चना, सरसों और मसूर के खरीदी केंद्र तय नहीं होने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद समर्थन मूल्य पर चना, सरसों और मसूर के खरीदी के लिए प्रशासन ने मंगलवार को आठ खरीदी केंद्र तय कर दिए है। सुबह से शाम तक चली बैठक के बाद शाम को खरीदी के लिए आठ केंद्र तय कर दि गए। हालांकि समर्थन मूल्य पर गेहंंू खरीदी का खाता अभी नहीं खुला है क्योंकि किसानों के पास खरीदी के लिए मैसेज नहीं पहुंचे।
गेहूं के 32897 किसानों ने पंजीयन करवाया किसान और क्रय केंद्रों पर पूरे दिन मैसेज प्राप्त होने का इंतजार होता रहा, जिसके चलते मंगलवार को खरीदी शुरू नहीं हो पाई। गेहूं के 32897 किसानों ने पंजीयन करवाया है, जबकि चना के 15782, मसूर 741 और सरसों के 1776 पंजीकृत किसान हंै। जिला आपूर्ति अधिकारी विवेक सक्सेना ने बताया चना, सरसों और मसूर के लिए धराड़ और मुंदड़ी सोसायटी खरीदी करेगी। सैलाना में सैलाना सोसायटी, जावरा में भीमाखेड़ी, आलोट में खजुरी देवड़ा, मार्केटिंग आलोट और ताल में कछारिया एवं ताल सोसायटी खरीदी करेंगी।
समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं, मंडी में बेचा गेहूं पंजीकृत 269 किसानों ने 8699 क्विंटल गेहंू नीलामी में बेचा, 207 किसानों ने मंडी कार्यालय में दस्तावेज जमा कराए। अपंजीकृत 370 किसानों ने 6025 क्विंटल गेहूं बेचा। नामली मंडी में 5 पंजीकृत किसानों ने 69 क्विंटल गेहूं बेचे। मंडी सचिव एमएल बारसे ने बताया कि किसानों ने दस्तावेज जमा कराए हैं।
खरीदी केंद्रों पर सुविधा बढ़ाने के निर्देश मुख्य सचिव ने मंगलवार वीसी में निर्देश दिए हैं कि मंडियों में गेहूं उपार्जन के लिए समितियों को प्लेटफार्म तथा भंडारण के लिए गोडाउन सुविधा उपलब्ध कराई जाए। खरीदी केंद्रों पर कैंटीन तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। जिलों से खरीदी की रिपोर्ट प्रतिदिन भोपाल भेजी जाए।
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