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रतलाम

माता-पिता ही अपने बच्चों से मंगवा रहे थे भीख

माता-पिता ही अपने बच्चों से मंगवा रहे थे भीख

रतलामJan 19, 2020 / 11:36 am

kamal jadhav

माता-पिता ही अपने बच्चों से मंगवा रहे थे भीख

माता-पिता ही अपने बच्चों से मंगवा रहे थे भीख

रतलाम। आमतौर पर कोई भी माता-पिता अपने बच्चों से काम नहीं करवाता या उनसे भीख नहीं मंगवाता है। उन्हें पढ़ाने के लिए खुद मेहनत करके निजी स्कूलों में भेजते हैं लेकिन कुछ माता-पिता ऐसे हैं जो खुद काम नहीं करते हैं लेकिन अपने मासूम बच्चों को भीख मांगने के लिए भेज रहे हैं। ऐसे ही बच्चों को चाइल्ड लाइन की टीम ने शहर भ्रमण करके रेस्क्यू किया है। अब इन बच्चों को बाल संप्रेक्षण गृह और बालिकाओं को वन स्टाप सेंटर भेजा जा रहा है।
चाइल्ड लाइन टीम ने रतलाम जिले में भिक्षावृत्ति और बालश्रम मुक्त रतलाम के अभियान के तहत शनिवार को चाइल्ड लाइन की टीम ने भिक्षावृत्ति व बालश्रम कर रह रहे बच्चों का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। चाइल्ड लाइन के प्रेम चौधरी ने बताया कि जो परिजनों अपने बच्चों से भीख मंगवा रहे हैं और और दुकानों संचालकों द्वारा बालश्रम कराया जाता है। ऐसे ही सात बच्चों को चाइल्ड लाइन की टीम ने मुक्त कराया है। ये बच्चे दो बत्ती, कालका माता और सैलाना बस स्टैंड पर भीख मांगते पाए गए थे। इन्हें चाइल्ड लाइन टीम और पुलिस ने रेस्क्यू किया। रेस्क्यू किए गए बच्चों में तीन बालिका और चार बालक है जिनकी उम्र 7 वर्ष से 13 वर्ष के बीच है।

बच्चों ने कहा मंगवाते हैं भीख
चाइल्ड लाइन के प्रेम चौधरी ने बताया सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन कार्यालय लाकर उनकी काउंसलिंग की जा रही है। काउंसलिंग में बच्चों ने बताया कि उनके माता-पिता द्वारा ही भीख मंगवाया जा रहा है। भीख नही मांगने पर उनके परिजन मारपीट करते है और वे स्कूल भी नहीं भेजते हैं। आगे बच्चों के परिजनों को बुलाया जा रहा है। उनसे पूछताछ के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ये रहे चाइल्ड लाइन टीम में
बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने वाली टीम में चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक प्रेम चौधरी, काउंसलर सुनीता देवड़ा, मनोहर पटीदार, मंजू पंवार, आशीष देवड़ा, दिव्या उपाध्याय, अरुण भल्ला, कामेश्वर लालावत और दो बत्ती थाना से पुलिस स्टाफ मौजूद रहा। चौधरी ने बताया अभी बच्चों को बालग्रह और बालिकाओ को वन स्टॉप सेंटर बाल कल्याण समिति के आदेश से भेजा जा रहा है।
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