रेलवे पूछताछ केंद्र पर मौजूद रेलकर्मी ने सूचना पर उद्घोषणा की, कि ७ वर्ष का वंश बौरासी जहां कहीं भी हो वह पूछताछ केंद्र पर आ जाए। ये सुनकर साथ आए व्यक्ति ने कहा कि बच्चा छोटा है, वह कैसे पूछताछ केंद्र पर यदि नहीं पहुंच सका तो, यहां मौजूद अन्य लोग उसे पहचान सके उसके लिए आप टी-शर्ट और जींस पहनने का हवाला दें और उसका रंग भी बताए, जिससे किसी को नजर आएगा तो वह यहां छोड़ देगा, लेकिन उसकी बात पर रेलकर्मी ने नजर अंदाज कर दिया।
पूछताछ केंद्र पर ठीक से सुनवाई नहीं होने पर युवक महिला व उसके साथ के लोगों को आरपीएफ पोस्ट पर ले गया। साथ ही बच्चें पर नजर रखने के लिए उसके साथ के कुछ लोगों को प्लेटफार्म के गेट पर ऑटो स्टैंड पर भी भेजा। आरपीएफ के पास पहुंचने पर वहां मौजूद एक अधिकारी ने कह दिया कि ७ वर्ष का बच्चा इतना छोटा नहीं होता है, आप जाओं थोड़ी देर में वह घर पहुंच जाएगा। जवानों की यह बात सुनकर युवक के साथ परिजनों ने आपत्ति ली।
सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग देखना चाही लेकिन लाइट नहीं होने से वह उसमें कुछ नहीं देख सके। बाद में आरपीएफ महिला की मदद के लिए निकली, तो युवक भी अपने काम से निकल गया। कुछ देर तक उनके तलाशने के दौरान परिजनों ने फोन पर सूचना दी कि बच्चा घर आ गया है। ये सुनते ही महिला ने चेन की सांस ली और आरपीएफ को सूचना देकर वहां से चली गई।