नगर निगम ने जो नोटिस जारी किए है उसमे नगर निगम अधिनियम का उल्लेख किया है। इसमे इस बात को लिखा गया है कि दुकान पंजीयन की कार्रवाई में मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 80 व इस अधिनियम के अंतर्गत अचल संपत्ति का अंतरण नियम 1996 में वर्णित प्रावधान का पालन नहीं तत्समय नहीं किया गया। नियम के खिलाफ पंजीयन किया गया था, इसके चलते वो कार्रवाई अवैधानिक व अनियमित पाई जाती है। इसलिए तत्काल पूर्व में किया गया पंजीयन निरस्त किया जाता है। जो धनराशि जमा करके रसीद ली गई थी वो दिखाकर राशि को एक सप्ताह में ले जाए।
कुल 102 दुकान
न्यूनतम कीमत 32 लाख
अधिकतम कीमत 35 लाख
पूर्व में बिक्री हुई – 3 दुकान
शेष रही दुकान जिनकी बिक्री होना है – 99 दुकानों की पारदर्शिता महत्वपूर्ण
पूर्व में जो पंजीयन हुआ, उसमे पारदर्शिता के नियम का पालन नहीं हुआ। अब नियम अनुसार टेंडर करके बिक्री की जाएगी। इसलिए ही पूर्व के पंजीयन निरस्त करके रसीद दिखाने पर रुपए पंजीयन करवाने वालों को दिए जाएंगे।
– कुमार पुरुषोत्त्तम, कलेक्टर व नगर निगम प्रशासक