कर्मचारी रेलवे स्टेशन पर तो आए, लेकिन उन्होंने कामकाज नहीं किया। इसकी वजह कर्मचारियों को आधा वेतन ही मिला। एक कर्मचारी ने बताया कुछ कर्मचारी को 8 हजार रुपए तो कुछ को 6 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाता है। ऐसे में 3 से 4 हजार रुपए आधे वेतन के रुप में दिए गए है। कागज पर इससे अधिक वेतन के हस्ताक्षर करवाए जाते है। शेष मैनेजर अपनी जेब में रख लेता है। इससे भी कर्मचारियों में नाराजी है।
सफाई के अभाव में रेलवे स्टेशन गंदा होता जा रहा है। अब तक ट्रैक पर गंदगी जमा हो रही थी, अब प्लेटफॉर्म पर भी इसका असर नजर आने लगा है। ऐसे में जो यात्री आ रहे है उनको गंदगी के बीच ट्रेन में बैठना पड़ रहा है। स्टेशन के बाहर व अंदर गंदगी का साम्राज्य हो गया है।
कचरे से डस्टबिन भर गए है। इनमे रखे कचरा व भोजन सामग्री को खाने के लिए स्टेशन पर मवेशी व कुत्ते आ रहे है। इससे भी यात्री परेशान हो रहे है। हैरानी की बात यह है कि गंदगी होने के बाद भी रेलवे स्टेशन से अधिकारियों ने अपना मुंह मोड़ लिया है। स्वच्छता के अभाव में यात्री परेशान हो रहे है। जिम्मेदारों की स्टेशन पर गैर मौजुदगी से बदइंतजाम बढ़ रहा है।
हमारी ट्रेन शाम को 8 बजे ग्वालियर के लिए है। मेघनगर से आए है। यहां तो इतनी गंदगी है कि बैठना भी मुश्किल है।
– प्रीति गंगवार, रेल यात्री
बिल मंजूर नहीं
रेलवे ने बिल पूरा मंजूर नहीं किया है। इससे भुगतान में परेशानी हो रही है। सभी को पूरा भुगतान सोमवार को हो जाएगा।
– प्रवीण दीक्षित, ठेकेदार का मैनेजर