ज्योतिषी रवि जैन ने बताया कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल में चार नवरात्र मानी गई है, जिसमें प्रथम चैत्र मास, दूसरी आषाढ मास, तीसरी अश्विन मास और अंत में माघ मास में आती है। इसमें से दो नवरात्र आषाढ एवं माघ माह में आने वाली नवरात्र को गुप्त कहां जाता है। 13 जुलाई को अमावस्या प्रात:काल 8 बजकर 18 मिनट रहेगी, इसके बाद प्रतिपदा तिथि प्रांरभ हो जाने एवं अगले दिन सूर्योदय के पूर्व ही तिथिकाल समाप्त हो जाने के कारण गुप्त नवरात्र की शुरूआत एवं घटस्थापना 13 जुलाई से होगी। शहर के प्राचीन मंदिर कालिका माता, महालक्ष्मी मंदिर, महिषासुर मर्दिनी आदि पर दर्शन वंदन के लिए पहुंचें भक्त
2 वृषभ त्रिपुर सुंदरी ब्रह्मचारिणी
3 मिथुन भुवनेश्वरी चंद्रघंटा
4 कर्क कमला सिद्धिरात्रि
5 सिंह बगलामुखी कालरात्रि
6 कन्या भुवनेश्वरी चंद्रघंटा
7 तुला त्रिपुर सुंदरी ब्रह्मचारिणी
8 वृश्चिक देवी उग्रतारा शैलपुत्री
9 धनु कमला सिद्धिरात्रि
10 मकर काली सिद्धिरात्रि
11 कुंभ काली सिद्धिरात्रि
12 मीन कमला सिद्धिरात्रि
मृगचर्म एवं कुशादर्भासन पर बैठकर जाप करने से ज्ञानसिद्धि, व्याघ्र चर्म पर बैठने से मोक्षमार्ग कम्बल के आसन पर बैठने से सर्वसिद्धि मिलती है। वस्त्र के आसन से द्ररिदता, पाषण यानि पत्थर पर बैठकर जाप करने से रोग और बिना आसन केवल पृथ्वी बैठकर जाप करने से दु:ख व लकडी पर बैठकर करने से निष्फलता आती है।