विशेष अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार जैन ने बताया फरियादी मोबिना खान निवासी हाट की चौकी ने 23 सितंबर 2011 को तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, शहर के नाम से आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि सलीम पिता अब्दुल करीम ने फर्जी जानकारी देकर अपने नाम पर बीपीएल राशन कार्ड बनवा रखा है। इनके स्वयं के नाम पर कार है। ये संपन्न परिवार से है और सलीम की पत्नी साजिदा महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत है। इनके पास दो मंजिला पक्का मकान है। बीपीएल राशन कार्ड से फीस माफ कर जैन स्कूल, काटजू नगर, रतलाम में बच्चे को प्रवेश दिलवाया है। इस राशन कार्ड से मिलने वाली समस्त सामग्री बाजार दामों पर बेची जा रही है। सलीम का बीपीएल राशन कार्ड निरस्त किया जाए।
जांच उपरांत पत्र सहायक आपूर्ति अधिकारी, रतलाम को बीपीएल कार्ड निरस्त करने के लिए प्रेषित किया गया। शासन की योजना अंतर्गत बीपीएल खाद्यान्न सामग्री का अवैध लाभ प्राप्त करके सलीम ने अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 का अपराध किए जाने से आरक्षी केन्द्र माणक चौक में सलीम के विरूद्ध धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपी ने घोषणा पत्र दिया। घोषणा पत्र के जांचकर्ता कर्मचारियों के कथन लिए गए। आरोपी ने जनता प्राथमिक उपभोक्ता भंडार से करीब 2566.50 का बीपीएल राशन कार्ड का लाभ उठाया एवं असत्य जानकारी दी गई। अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरूद्ध धारा 420, 467, 468 भादसं एवं धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत के दर्ज किया गया।
गलत जानकारी देकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाकर शासन की योजना का लाभ लेने वाले सलीम पिता अब्दुल करीम को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में पांच साल की सजा और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में भी पांच साल की सजा सुनाई गई है। दोनों धाराओं में आरोपी पर तीन-तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।