कृषक को मौके पर एमिडाक्लोरोपिड 5 मिली. लीटर दवा प्रति 16 लीटर टंकी में घोल बनाकर छिड़काव की सलाह दी गई। इसके साथ ही अंतरवर्तीय फसल के रूप में मक्का फसल में सेमिलुपर का आंशिक प्रकोप देखा गया। सेमिलुपर (हरी इल्ली) के नियंत्रण के लिये क्लोरोपॉयरीफॉस या क्विनॉलफास या ट्राईजोफास मे से किसी एक दवा का 1.5 मिली. लीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई । सोयाबीन फसल पर वर्तमान में कही-कही आंशिक रूप से सेमिलुपर (हरी इल्ली) का प्रकोप देखा गया इसके नियंत्रण के लिये क्लोरोपॉयरीफॉस या क्विनॉलफास या ट्राईजोफास मे से किसी एक दवा का 1.5 मिली. लीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गयी ।
दल उप संचालक कृषि जीएस मोहनिया एवं सैलाना के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, वैज्ञानिक डॉ. आरएस त्रिपाठी एवं संबंधित ग्राम के किसान मित्र शामिल थे। ग्राम इसरथुनी के कृषक मांगीलाल कटारा, रतनलाल डामोर, ओमप्रकाश महाराज सिंह के खेत में मक्का एवं कपास फसल का निरीक्षण किया गया । मक्का फसल में फाल आर्मी वर्म का आंशिक प्रकोप देखा गया। इस कीट के नियंत्रण के लिए प्रारंभिक अवस्था में प्रकोप होने पर एनएसकेई. 1500 पीपीएम 5 मिली लीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर सुबह शाम के समय पौधे के मध्य पोंगली अवस्था में छिड़काव करें। अधिक प्रकोप होने पर एमामेक्टीन बेंजोऐट 5 प्रतिशत एसजी 5 ग्राम दवा प्रति 16 लीटर टंकी में घोल बनाकर छिड़काव करें। इसी तरह विकास खण्ड सैलाना के ग्राम अड़वानिया, पंथवारी में कृषक दिनेश, रामेश्वर, नागू, नागेश्वर एवं हमीर वेस्ता के खेत में भ्रमण कर मक्का एवं कपास फसल पर उपरोक्त कीट के प्रकोप होने पर उपरोक्तानुसार दवा छिड़काव की सलाह दी गई ।
इस समय फसल अच्छी अवस्था में है कही-कहीं पर हल्की जमीन में फसल मुरझाने की स्थिति में है। कपास फसल में आगामी वर्षा होने पर फसल के गौड़ के चारो और गोलनुमा रिंग बनाकर डीएपी या 12:32:16 उर्वरक को आधार उर्वरक डालकर मिट्टी चढ़ाने की सलाह दी गई। मक्का फसल में जैसे ही वर्षा हो तो यूरिया उर्वरक के छिड़काव की सलाह दी गई । कुछ क्षेत्र में सोयाबीन, कपास छोटी अवस्था में होने पर इन्टर कल्चर ऑपरेशन के रूप में डौरा एवं कपास फसल पर बख्खर चलाकर खरपतवारो को आसानी से नियंत्रण करने की सलाह दी गई। कृषक फसल संबंधी कृषि विज्ञान केन्द्र कालूखेड़ा के कीट वैज्ञानिक डॉ. मनोज जाट से सम्पर्क कर सकते है ।