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धर्म और अध्यात्म

मन की गहराई में उतरें: श्री श्री रविशंकर

आपके शरीर की भीतरी
गहराइयों में डर, वासना, जलन, गुस्सा और शर्म जैसी नकारात्मक चीजों के लिए जगह ही
नहीं है

May 30, 2015 / 10:24 am

सुनील शर्मा

Sri Sri Ravi Shankar

Sri Sri Ravi Shankar

यह सोच ही बेकार है कि आपके अंतर्मन में डर ने घर किया हुआ है जबकि ऎसा कुछ है नहीं। आपके शरीर की भीतरी गहराइयों में डर, वासना, जलन, गुस्सा और शर्म जैसी नकारात्मक चीजों के लिए जगह ही नहीं है। अंतर्मन में है तो सिर्फ और सिर्फ परम आनंद, जिसका अनुभव किया जाना बहुत जरूरी है। रविशंकर कहते हैं कि यह सब समस्याएं सतही हैं। और अगर आप इसे गहराई मानते हैं तो मेरी सलाह है कि थोड़ा और गहराई में उतरें। वहां आपको खुशियों और आनंद का सागर मिलेगा।

जब मन इन झूठी बातों को सच मानने लगता है तो इन भावनाओं से पार पाना मुश्किल हो जाता है। समस्याएं यहीं से शुरू होती हैं, जब हम यह मान लेते हैं कि यही सच्चाई है कि हमारे भीतरी मन में डर, दुख और दुविधा भर गई है। फिर यह समस्याएं स्थायी हो जाती हैं, जिससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है। डर पर जीत पाने के लिए मेडिटेशन या ध्यान सर्वश्रेष्ठ उपाय है, जिससे धीरे-धीरे चित्त शांत होता जाता है। सबसे बड़ी बात कि अगर खुद पर विश्वास करोगे तो डर को भी आपके पास आने में भय लगेगा।

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