गोरे हो या काले सदियों से मनुष्य अपने भविष्य और भाग्य के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहा है और आगे भी यही क्रम चलता रहेगा । आदमी स्वयं को संतुष्ट करने के तथा भविष्य की घटनाओं के बारें में पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास करता है । इस विषय की गहराई में जाने के लिए व्यक्ति ज्योतिषविद्या का सहारा लेता है, लेकिन विषय पर अनेक ज्योतिषविद्यायों से ज्यादा सामुद्रिक शास्त्र विद्या में बूहुत कुछ जानकारी मिलती हैं । सामुद्रिक विद्या के अनुसार मनुष्य शरीर का रंग, प्रकृति और बनावट के आधार पर उसके स्वभाव, चरित्र व जीवन चर्या के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है । आईये जानते हैं की किस रंग के इंसान का स्वभाव और चरित्र कैसा होता हैं ।
ईश्वर ने प्रत्येक मनुष्य का शरीर अलग-अलग बनाया है ।
हर इंसान का चेहरा अलग होता है ।
उसकी कद-काठी भिन्न होती है ।
यहां तक की सभी की त्वचा का रंग भी अलग-अलग होता है ।
किसी की त्वचा का रंग काला होता है तो किसी का गोरा ।
काले रंग की त्वचा से प्रभावित महिलाओं के संबंध में उल्लेख आता है कि अत्यधिक काले रंग के नेत्र, त्वचा, रोम, बाल, होंठ, तालु एवं जीभ आदि जिन स्त्रियों के हों, वे निम्न वर्ग में आती है । इस वर्ण की स्त्रियां स्वामीभक्त और अपनी बात को मरते दम तक निभाने वाली एवं निडर होती है, विश्वसनीय, उत्तम मार्गदर्शिका और प्यार में बलिदान देने वाली होती हैं, इनके प्यार में धूप सी गर्मी व चंद्रमा सी शीतलता पाई जाती है।
दूसरे भेद में लाल व पीले रंग का मिश्रण होता है, जिसे पिंगल कहा जाता है, ऐसे जातक अधिक परिश्रमी, धैर्यवान, सहनशील, सौम्य, गंभीर, रजोगुणी, भोगी, धनवान एवं व्यवहार कुशल होते हैं, देखने में आता है कि ऐसे जातक ज्यादातर बीमार रहते हैं तथा इन्हें खून संबंधी बीमारी अधिक होती है ।