ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी देवताओं की कुछ प्रिय भोग बताए गए हैं इसलिए अलग-अलग देवी-देवताओं की अलग-अलग भोग अर्पित लगाना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि भोग लगाने के बाद उसे तुरंत ही भगवान के सामने से नहीं हटाएं, नहीं तो इसे भगवान का अपमान माना जाता है। प्रसाद को भगवान के सामने रखने के बाद उसे थोड़ी देर के लिए वहीं छोड़ देना चाहिए।
मान्यता है कि भोग को हमेशा भगवान की तस्वीर या मूर्ति के दक्षिण दिशा की तरफ रखा जाना चाहिए। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कच्ची खाद्य वस्तुओं को भगवान के दाएं तरफ और पके हुए भोग को मूर्ति के बाईं ओर रखना शुभ होता है।
कभी भी भगवान के प्रसाद को लेने से मना नहीं करना चाहिए चाहे वह आपका कोई शत्रु ही क्यों ना दे रहा। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि जब भी प्रसाद ग्रहण करें तो उसे आगे की तरफ झुककर लेना चाहिए। ज्योतिष अनुसार इससे आपके शरीर के रजो गुण और तमो गुण पर नियंत्रण रहता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)