पौष पूर्णिमा पर दान का महत्व: इस दिन जो व्यक्ति पवित्र नदी में स्नान करके अपने सामर्थ्य अनुसार दान पुण्य करता है। उसके जीवन में दुख के दिन जल्द दूर हो जाते हैं। अगर नदी स्नान संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। इसके बाद जरूरमंदों का जरूरी चीजों का दान कर दें। इससे पुण्य फल की प्राप्त होने की मान्यता है।
ऐसे करें पौष पूर्णिमा व्रत: इस दिन बहुत से लोग स्नान, दान, पूजा, व्रत आदि करते हैं। इसके अलावा इस दिन सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व होता है। अगर इस दिन व्रत रखना चाहते हैं तो सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद स्नान कर वरुण देवता को प्रणाम करें। फिर सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हें नैवेद्य अर्पित करें। जरूरतमंदों को भोजन कराएं और अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें। इस दिन तिल, गुड़, ऊनी वस्त्र और कंबल का दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
इस दिन करें मां लक्ष्मी की पूजा: ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा की रात को माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आती हैं और अपने भक्तजनों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। ऐसे में पौष पूर्णिमा पर सच्चे मन से मां लक्ष्मी की अराधना करें। माँ लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें। उन्हें कमल का फूल और गुलाब का इत्र चढ़ाएं। अगरबत्ती जलाएं। प्रसाद के रूप में खीर चढ़ाएं। माता लक्ष्मी की आरती उतारें। रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें और इस मंत्र का जाप करें- ‘ॐ सोमाय नमः:’ इसके बाद रात भर जागरण करें।
पौष पूर्णिमा व्रत मुहूर्त:पूर्णिमा आरम्भ 17 जनवरी 2022 को 03:20 बजे से
पूर्णिमा समाप्त 18 जनवरी 2022 को 05:20 बजे तक
पौष पूर्णिमा के दिन राहु काल सुबह 8 बजकर 26 मिनट से लेकर 9 बजकर 44 मिनट तक रहेगा