पूजास्थल न हो पीछे
वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके दफ्तर या वर्कप्लेस पर कभी भी आप की कुर्सी के पीछे पूजा स्थल नहीं होना चाहिए। यानी कि ध्यान रखें कि वर्कप्लेस पर कभी भी मंदिर की तरफ पीठ करके न बैठें अन्यथा इससे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा आती है। वहीं वास्तु के अनुसार दफ्तर में ईशान कोण या पूर्व दिशा में मंदिर बनवाना सर्वोत्तम माना गया है।
दक्षिण दिशा में ना हो मुख
गलत दिशा की तरफ मुंह करके बैठना भी आपके कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि दफ्तर या दुकान में कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके बैठना नहीं चाहिए। वास्तु के अनुसार वर्कप्लेस पर आपका मुंह पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा की तरफ होना सही माना गया है।
कुर्सी के पीछे खाली जगह ना हो
इस बात का ध्यान रखें कि जहां आप बैठते हैं वहां आपकी कुर्सी के पीछे खाली जगह नहीं होनी चाहिए। यानी आपकी कुर्सी के पीछे दीवार होना सही माना जाता है। साथ ही आपके काम करने की टेबल का आकार आयताकार होना चाहिए।
अलग-अलग जगह न रखें धन
कभी भी अपने पैसों को इधर-उधर अलग-अलग जगहों पर ना रखें। अपने दफ्तर या दुकान में आप पैसों के गल्ले या आप जहां भी अपना धन रखते हों उसकी एक जगह निर्धारित कर लेनी चाहिए। वास्तु के अनुसार आपके दफ्तर में तिजोरी या रैक का दरवाजा इस तरह खुलना चाहिए कि उसका मुंह उत्तर दिशा की तरफ हो।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)